National Herald Case: क्या है नेशनल हेराल्ड केस, कब सामने आया मामला, कौन हैं आरोपी, जानें सबकुछ

नेशनल हेराल्ड केस में ED सोमवार को राहुल गांधी से पूछताछ करेगी। बता दें कि ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी को अब 23 जून को बुलाया है। इससे पहले ईडी ने उन्हें 8 जून को बुलाया था, लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं। बाद में उनकी तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। क्या है नेशनल हेराल्ड केस? आइए जानते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2022 5:41 AM IST / Updated: Jun 14 2022, 10:54 AM IST

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी सोमवार सुबह ED मुख्यालय में पेश होंगे। ED ने राहुल गांधी से पूछताछ के लिए सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की है। पूछताछ के दौरान राहुल गांधी ना तो अपना मोबाइल फोन यूज कर पाएंगे और ना ही किसी दूसरे नेता को उनके साथ ED ऑफिस में अंदर आने की अनुमति है। वहीं ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी को 23 जून को बुलाया है। इससे पहले ईडी ने उन्हें 8 जून को बुलाया था, लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं। बाद में उन्हें दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड केस और क्यों चर्चा में है, आइए जानते हैं। 

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
- 2012 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में पिटीशन दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं (राहुल-सोनिया गांधी के अलावा और भी कई नेता) ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण किया है। स्वामी का आरोप था कि ये सारा मामला दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। 

समझें पूरा घटनाक्रम?
- जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में Associate Journal Limited नाम से एक कंपनी बनाई। ये कंपनी नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार पब्लिश करती थी। ये कंपनी अखबार निकालती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ती कीमतों पर सरकारों से जमीन मिल गई।
- आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मिलकर एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका उद्देश्य बिजनेस करना नहीं, बल्कि अपनी बनाई कंपनी के  जरिए (AJL) को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम करना था। 
- इसके बाद 26 फरवरी, 2011 को 5 लाख रुपए की लागत से यंग इंडिया कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38% की हिस्सेदारी है। बाकी 24% की हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं।
- यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) की 90 करोड़ की देनदारियों का जिम्मा अपने उपर ले लिया। मतलब एक तरह से उसका लोन चुकाने की जिम्मेदारी ले ली।    
-  बाद में एजेएल के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99% शेयर मिल गए। बाद में कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इस तरह राहुल-सोनिया गांधी की कंपनी 'यंग इंडिया' को मुफ्त में (AJL) का स्वामित्व मिल गया। 

नेशनल हेराल्ड केस में ये भी आरोपी : 
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल गांधी के अलावा और भी कई कांग्रेसी नेताओं के नाम सामने आए थे। इनमें मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज के अलावा सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम भी है। इनमें से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस अब इस दुनिया में नहीं हैं। 

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