सार
नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप झेल रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय(ED) में पेशी से पहले उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा(Robert Vadra) एक्टिव हुए। उन्होंने इसे आधारहीन केस बताया। बता दें कि नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) ने देश की राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है।
नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) ने देश की राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप झेल रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय(ED) में पेशी से पहले उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा(Robert Vadra) एक्टिव हुए। उन्होंने इसे आधारहीन केस बताया। वाड्रा ने अपने मामले का भी हवाला दिया और बताया कि कैसे उन्हें 15 बार तलब किया गया और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनसे पूछताछ की।
रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट के जरिये ये बात कही
राहुल आप निस्संदेह सभी बेबुनियाद आरोपों से बाहर निकलेंगे। मैं 15 बार प्रवर्तन निदेशालय के साथ सम्मन और पूछताछ के माध्यम से और हर प्रश्न का उत्तर दिया है। मुझे विश्वास है कि सत्य की जीत होगी। ये सरकार देश की जनता का दमन नहीं करेगी। यह केवल हम सभी मजबूत लोगों को बनाएगा। हम सच्चाई के लिए हर दिन लड़ने के लिए यहां हैं, और देश की जनता हमारे साथ खड़ी है।
प्रियंका गांधी भी मिलने पहुंचीं
राहुल की पेशी के पहले प्रियंका गांधी वाड्रा उनसे मिलने उनके घर पहुंचीं। इस बीच सोनिया-राहुल गांधी को नोटिस देने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मामला सुब्रमण्यम स्वामी कोर्ट तक लेकर गए हैं। इस मामले को 2015 में जांच एजेंसी ने बंद कर दिया था। इधर, भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 5000 करोड़ का घोटाला है। उम्मीद है कि राहुल गांधी कोर्ट में अपना जुर्म कबूल करेंगे इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस समर्थकों ने 'राहुल गांधी जिंदाबाद, जिंदाबाद' के नारे लगाए। राहुल गांधी के ईडी दफ्तर तक मार्च से पहले कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता पहुंच गए थे।
कांग्रेस मुख्यालय में बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल समेत पार्टी के सांसद और अन्य नेताओं के साथ राहुल गांधी मार्च करते हुए ED ऑफिस के लिए निकले। इधर, दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा-जब-जब भाजपा और मोदी डरते हैं, वे पुलिस को आगे करते हैं। आगे हम जनता की लड़ाई लड़ेंगे। ये केस है ही नहीं... कोई FIR है क्या? यह केस तो मोदी सरकार ने 2014 में शुरू किया और उन्हीं की सरकार ने बिना कोई प्रमाण मिले केस को समाप्त कर दिया। जबकि कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बयान दिया कि-ये लोग जिस तरह एजेंसी का दुरूपयोग कर रहे हैं वो जगजाहिर है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी और तमाम नेताओं पर 7-8 साल से बंद केस डाले गए। कहीं ना कहीं राजनीतिक विरोधियों पर दबाव बनाने की राजनीति चल रही है।
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