आखिर क्या है Project Cheetah? भारत को क्यों नमीबीया से लाने पड़े 8 चीते?

70 साल पहले चीते की प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया था और ठीक सात दशकों के बाद आज फिर चीतों की घर वापसी हुई है। पीएम मोदी ने 8 चीतों को मप्र के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है। यह सब संभव हुआ है प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत। आप भी जानें कि आखिर क्या है प्रोजेक्ट चीता? 

Manoj Kumar | Published : Sep 17, 2022 1:16 PM IST

Project Cheetah. 70 साल पहले चीते की प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया था और ठीक सात दशकों के बाद आज फिर चीतों की घर वापसी हुई है। पीएम मोदी ने 8 चीतों को मप्र के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है। यह सब संभव हुआ है प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत। आप भी जानें कि आखिर क्या है प्रोजेक्ट चीता? और भारत को क्यों नमीबीया से एयर लिफ्ट कर 8 चीते मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाने पड़े…

क्या है प्रोजेक्ट चीता?
प्रोजेक्ट चीता भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य विलुप्त हो चुके इस जीव को दोबारा वनों में पनपने व शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी जरूरी भूमिका को दोबारा बनाने का मौका देना है। इस प्रकार सरकार इस जीव की प्राकृतिक रूप से संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है और इसके वैश्विक सरंक्षण के रूप में अपना योगदान दे रही है।

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वन्य जीवन को पुनर्जीवित करना उद्देश्य
भारत सरकार के मुताबिक चीता की वापस को लेकर बनी इस परियोजना का मूल उद्देश्य भारत के वन्य जीवन को पुनर्जीवित करना और उसमें विविधता लाना है। इसी वजह से इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के दिशा-निर्देशों के तहत इसे पूरा किया जा रहा है।

दस साल पहले होनी थी चीतों की घर वापसी
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले 2009 में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा चीतों की वापसी के मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई थी। जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने अफ्रीकी चीतों को भारत में उनकी उपयुक्त जगह पर पुन: लाने व संरक्षित करने की मंजूरी भी दे दी थी। हालांकि, तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश द्वारा इस योजना को बनाए जाने के बाद भी कोर्ट ने इसे होल्ड पर रखा था। लगभग 10 साल बाद मोदी सरकार ने इस काम को पूरा कर दिखाया।

वन्य जीवन के साथ यहां मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस परियोजना के माध्यम से वाइल्ड लाइफ के साथ-साथ प्रकृति व पूरे ईको सिस्टम को कई तरह से लाभ होगा। नमीबीया से चीतों को भारत एक विशेष समझौते के तहत लाया गया है। चीता भारत के खुले जंगल और घास के मैदानों के ईको सिस्टम को संतुलित करेंगे। इनकी वजह से पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी आएगी और लोगों को रोजगार भी मिलेंगे।

चीतों की वापसी का एक्शन प्लान
जनवरी 2022 में भारत सरकार ने चीतों की वापसी का एक्शन प्लान बनाया। इस परियोजना के तहत अगले पांच सालों में लगभग 50 चीतों को देश के विभिन्न नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। सरकार का कहना है कि चीतों की वापसी की शुरुआत न केवल एक प्रजाति को पुन: स्थापित करने की परियोजना है बल्कि ईको सिस्टम से खोए हुए ऐसे तत्व को बहाल करने का प्रयास है जिसने इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो।

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