बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का विरोध जायज नहीं है क्योंकि यह मूल ढांचे से छेड़छाड़ किए बिना परंपराओं के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार समय-समय पर होता रहा है।
Kedarnath Temple gold plating: केदारनाथ के सुप्रसिद्ध हिमालय मंदिर के गर्भगृह के अंदर दीवारों पर सोने की प्लेट्स चढ़ाई जा रही है। चांदी की प्लेट्स को हटाकर अब सोने की प्लेट्स से मंदिर को और भव्य करने को लेकर पुजारियों में मतभेद उभरकर सामने आया है। पुजारियों का एक समूह जहां इस को सनातन परंपरा के अनुरूप बता रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष मंदिर को हो रहे नुकसान को लेकर चिंता जताते हुए विरोध कर रहा है। विरोध करने वाले पुजारियों ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में सोने की चादरों को चढ़ाना, मंदिर की सदियों की पुरानी परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है। सोने की परत चढ़ाने में बड़ी बड़ी ड्रिलिंग मशीन्स का उपयोग हो रहा है जिससे मंदिर की दीवारों को नुकसान पहुंच सकता है।
महाराष्ट्र के एक शिव भक्त की पहल पर हो रहा बदलाव
दरअसल, महाराष्ट्र के एक शिव भक्त ने बीते दिनों मंदिर प्रशासन से अपनी इच्छा जाहिर करते हुए मंदिर के गर्भगृह के भीतर दीवारों पर सोने की चादर की परत चढ़ाने की गुजारिश की थी। शिव भक्त की पेशकश के बाद श्रीकेदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समित ने विचार विमर्श करने के बाद प्रस्ताव पर सहमति दे दी। उनके प्रस्ताव को लेकर बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने राज्य सरकार की अनुमति भी ले ली। इस अनुमति के बाद शिव भक्त ने काम शुरू करा दिया। प्रसिद्ध मंदिर की चार दीवारों पर लगे चांदी की प्लेटों को हटाकर उनकी जगह सोने की प्लेट लगा दी गई।
पुजारियों का एक समूह कर रहा विरोध
मंदिर प्रशासन की इस अनुमति के बाद पुजारियों के एक समूह ने परंपरा से खिलवाड़ बताते हुए इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इनका तर्क था कि सोना चढ़ाने से मंदिर की दीवारों को नुकसान पहुंच रहा है। इसके लिए बड़ी ड्रिलिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के साथ इस छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
एकमत नहीं हैं पुजारी समूह
विरोध करने वालों के अलावा पुजारियों का एक समूह वह भी है जो इसका पुरजोर समर्थन कर रहा है। कुछ वरिष्ठ पुजारी मंदिर के गर्भगृह के अंदर वर्तमान में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के पक्ष में हैं। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी श्रीनिवास पोस्ती और केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने कहा कि मंदिर सनातन आस्था का एक प्रमुख केंद्र है और इसकी दीवारों पर सोना चढ़ाना हिंदू मान्यताओं और परंपराओं के अनुरूप है।
क्या कहते हैं बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का विरोध जायज नहीं है क्योंकि यह मूल ढांचे से छेड़छाड़ किए बिना परंपराओं के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार समय-समय पर होता रहा है। मंदिर को भव्य करने और सौंन्दर्यीकरण के लिए सालों से प्रयास किए जाते रहे हैं। ऐसे में दीवारों पर सोना चढ़ाने का विरोध किया जाना जायज नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिर भव्यता के प्रतीक हैं। हिंदू देवी-देवताओं को हम इसलिए ही सोने के आभूषणों से सजाते हैं। ऐसे में मंदिर की दीवारों को सोने से सजाना कहीं भी परंपरा के विपरीत नहीं है।
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