क्या है नेचरल फॉर्मिंग का सूरत मॉडल जिसका जिक्र पीएम मोदी ने किया, जानें सबकुछ

पीएम मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात के सूरत का प्राकृतिक खेती मॉडल एक दिन पूरे देश के लिए आदर्श बनेगा। आखिर क्या है ये मॉडल और क्यों पीएम मोदी ने किया इसका जिक्र, आइए जानते हैं?

What is Surat Model of Natural Farming: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात के सूरत का प्राकृतिक खेती मॉडल एक दिन पूरे देश के लिए आदर्श बनेगा। उन्होंने कहा कि देश के किसान प्राकृतिक खेती के अभियान से जुड़ रहे हैं और इसके जरिए उनकी लागत कम होने के साथ ही आमदनी बढ़ेगी। आखिर क्या है प्राकृतिक खेती का सूरत मॉडल, आइए जानते हैं। 

कुछ महीने पहले गुजरात में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के विषय पर नेशनल कॉन्क्लेव आयोजित हुई थी। मार्च, 2022 में पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में गुजरात पंचायत महासम्मेलन में किसानों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने सूरत जिल के हर एक गांव में कम से कम 75 किसानों को नेचुरल फार्मिंग के तरीके अपनाने के लिए कहा था। बाद में पीएम मोदी की बात से प्रेरित होकर हजारों किसानों ने सूरत जिले में नेचुरल फार्मिंग को अपनाया है।

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क्या है नेचरल फॉर्मिंग का सूरत मॉडल?
इसके लिए सूरत जिले की हर एक ग्राम पंचायत में कम से कम 75 किसानों का समूह बनाया गया, जिन्होंने नेचुरल फार्मिंग को अपनाया। इसके बाद इन किसानों को 90 अलग-अलग ग्रुप में ट्रेनिंग दी गई। जिसके फलस्वरूप इतने कम समय में 550 से ज्यादा पंचायतों में 40 हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। पीएम मोदी का कहना है कि हर गांव में 75 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने में सूरत की सफलता पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनने जा रही है। सूरत में प्राकृतिक खेती के लिए गोबर से खाद बनाने के लिए 30-40 गौशालाओं के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। इससे गौवंश की सेवा के साथ ही खेती में रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होगा।  

क्या है नेचरल फॉर्मिंग (प्राकृतिक खेती) : 
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) एक पारंपरिक स्वदेशी पशुओं पर आधारित कृषि पद्धति है, जो लागत को कम करने के साथ ही आमदनी बढ़ाती है। इसका मकसद रासायनिक उर्वरक या कीटनाशकों का उपयोग खत्म कर जैविक खाद, जैव उर्वरक को बढ़ावा देना है। इससे छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। प्राकृतिक खेती लोगों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन सकती है। इसमें किसान गोबर के लिए गौपालन करते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा भी होती है। 

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नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव में बोले PM मोदी- खुशहाली का रास्ता खोलेगी प्राकृतिक खेती, लागत में आएगी कमी

फसलों को कीटनाशक बनाने के लिए किसानों को दी जा रही खास ट्रेनिंग, प्राकृतिक खेती की कार्यशाला का हुआ आयोजन

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