आखिर क्या है Target Killing, दुनिया के इन 3 देशों में भी इसके शिकार हो रहे हैं लोग

कश्मीर घाटी में आतंकवादी निर्दोष नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं। दो दिन पहले कुलगाम में एक हिंदू टीचर रजनी बाला की हत्या करने के बाद आतंकियों ने गुरुवार सुबह कुलगाम में बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मार हत्या कर दी। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 3, 2022 6:39 AM IST / Updated: Jun 03 2022, 12:44 PM IST

Target Killing: कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही आतंकवादी गैर-कश्मीरियों और हिंदू पंडितों की हत्याएं कर रहे हैं। दो दिन पहले कुलगाम में एक हिंदू टीचर रजनी बाला की हत्या करने के बाद आतंकियों ने गुरुवार सुबह कुलगाम में बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मार हत्या कर दी। पिछले 26 दिनों में आतंकियों ने 10 नागरिकों की हत्या कर दी है। लगातार हो रही टारगेट किलिंग से सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। 

आखिर क्या है टारगेट किलिंग?
टारगेट किलिंग से जाहिर है कि इसमें किसी लक्ष्य को निशाना बना कर हत्या की जाती हैं। आतंकी अपना सॉफ्ट टारगेट (Soft Target) तय करते हैं और फिर उसके बारे में जानकारी इकट्ठी कर घटना को अंजाम देते हैं। कश्मीर घाटी में 90 के दशक से टारगेट किलिंग बढ़ गई है। हालांकि, धारा 370 हटने के बाद आतंकी अब खुलकर टारगेट किलिंग कर रहे हैं।  

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इन देशों में होती है टारगेट किलिंग : 

1- पाकिस्तान 
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान भी टारगेट किलिंग का शिकार है। यहां पिछले कई सालों में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों ने इस्लाम के ही शिया समुदाय को टारगेट किया। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान में अक्सर शिया समुदाय को सॉफ्ट टारगेट बनाकर उनकी हत्या की जाती है। मानवाधिकार संगठनों के एक अनुमान के मुताबिक, 2001 से लेकिर अब तक पाकिस्तान में हुए अलग-अलग हमलों और टारगेट किलिंग में करीब 2,600 शिया मारे जा चुके हैं। 

2- अफगानिस्तान 
अफगानिस्तान में आए दिन बम धमाकों और रॉकेट लॉन्चरों से हमले की खबरें आती हैं। तालिबान का शासन आने के बाद आतंकी यहां भीड़ को टारगेट करने के बजाय आम लोगों जैसे पुलिस, वकील, नेता, जज और पत्रकारों को निशाना बना रहे हैं। कुछ साल पहले पत्रकार मलाला मेवंद और उनके ड्राइवर को आतंकियों ने सरेआम गोलियां मारी थीं। इसी तरह काबुल में जज हबीबुल्लाह को कत्ल कर दिया गया। 

3- बांग्लादेश 
दो महीने पहले बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित इस्कॉन (ISKCON) मंदिर पर 200 कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदुओं को टारगेट करते हुए हमला किया। बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों के दौरान अल्पसंख्यकों यानी हिंदुओं पर हमले तेजी से बढ़े हैं। 2009 से अब तक बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों पर 6 बार हमले हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में पिछले 8 साल के दौरान 3600 से ज्यादा हमले हिंदुओं को टारगेट बनाकर किए गए। इन हिंसक घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई, जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हुए। 

टारगेट किलिंग को लेकर कोई ठोस कानून नहीं : 
टारगेट किलिंग (Target Killing) सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी होती है। टारगेट किलिंग में आम लोगों को निशाना बनाया जाता है। कभी जाति-धर्म तो कभी नस्ल के नाम पर उनकी हत्याएं की जाती हैं। बता दें कि टारगेट किलिंग को लेकर अभी तक कोई ठोस कानून भी नहीं है, ताकि इसे रोका जा सके।  

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