क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला, आखिर कैसे ED की रडार पर आए पार्थ और अर्पिता मुखर्जी, जानें सबकुछ

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक इस घोटाले के मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी और उनकी करीब अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग ठिकानों से ईडी ने करीब 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। आखिर क्या है ये घोटाला और कैसे ईडी की रडार पर आए पार्थ और अर्पिता मुखर्जी। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2022 2:09 PM IST / Updated: Jul 29 2022, 10:56 PM IST

West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर ईडी (ED) आए दिन नए-नए खुलासे कर रही है। अब तक इस घोटाले के मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी और उनकी करीब अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग ठिकानों में हुई छापेमारी के दौरान ईडी ने करीब 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। इसमें 50 करोड़ कैश के अलावा 4 करोड़ के गहने और 20 से ज्यादा मोबाइल फोन शामिल हैं। बता दें कि ईडी की ये कार्रवाई 2016 में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित है। आखिर क्या है ये घोटाला, कैसे ईडी की रडार पर आए पार्थ और अर्पिता, जानते हैं सबकुछ। 

क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला?
- 2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने 13 हजार शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक परीक्षा आयोजित की थी। - इस परीक्षा का रिजल्ट 27 नवंबर, 2017 को आया। रिजल्ट आने के बाद मेरिट लिस्ट बनाई गई, जिसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार 77 अंक के साथ टॉप 20 में शामिल थी। 
- लेकिन बाद में आयोग ने इस मेरिट लिस्ट को कैंसिल कर दिया और इसकी जगह दूसरी लिस्ट तैयार की। इस लिस्ट में बबीता सरकार का नाम वेटिंग में था। 
- वहीं बबीता से कम नंबर पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर था। अंकिता तृणमूल कांग्रेस के एक मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है, इसलिए उसे नौकरी मिल गई। 
- इसके बाद बबीता सरकार और कुछ लोगों ने मिलकर इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। इस पर कोर्ट ने कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की।
- इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इसमें सीबीआई जांच के आदेश भी दिए। उस दौरान टीएमसी के मंत्री परेश अधिकारी से पूछताछ भी हुई थी। हाईकोर्ट ने अंकिता की नौकरी को अवैध बताते हुए उससे वेतन वसूलने के आदेश दिए थे। 
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अंकिता अधिकारी की जगह बबीता सरकार को नौकरी दी जाए। बाद में इस शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी संख्या में पैसों के हेरफेर और गड़बड़ी का पता चला। इसके बाद इसमें केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की एंट्री हुई। 

Latest Videos

आखिर कैसे इस घोटाले में हुई ED की एंट्री? 
कहा जा रहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले को उजागर करने का श्रेय बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को जाता है। एक इंटरव्यू में धनखड़ ने कहा था- पश्चिम बंगाल क्रिटिकल स्टेज पर है। बंगाल में डेमोक्रेसी नहीं है। वहां रिक्रूटमेंट स्कैम हुआ है। धनखड़ ने हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा था-हाईकोर्ट ने भी कहा है कि जो लोग रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुए, उन्हें नौकरी दे दी गई। बंगाल में 5 हजार लोगों को अवैध तरीके से जॉब दी गई है। इसी इंटरव्यू के कुछ दिनों बाद इस मामले में ईडी की एंट्री हुई। 

कैसे ED के रडार पर आए पार्थ और अर्पिता?
घोटाले को लेकर ईडी ने 22 जुलाई को बंगाल के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। इसी दौरान अर्पिता मुखर्जी की संपत्ति के पेपर मिले थे। जब पार्थ चटर्जी से इस बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बाद में ईडी ने शक के आधार पर अर्पिता मुखर्जी के घर छापा मारा और वहां 21 करोड़ रुपए, 20 मोबाइल फोन और 80 लाख का सोना मिला। साथ ही एक ब्लैक डायरी भी मिली, जिसमें घोटाले को लेकर काफी बातें दर्ज थीं। इसके बाद ईडी ने 27 जुलाई को अर्पिता के दूसरे ठिकाने पर छापा मारा और वहां से 29 करोड़ रुपए और 5 किलो सोना बरामद हुआ।

ये भी देखें : 

Arpita Mukherjee: पहले नौकरी छोड़ी फिर पति, अमीर बनने की चाहत अर्पिता को खींच लाई यहां

सेकेंड हैंड कार से चलने वाली अर्पिता कभी रहती थी इस घर में, जानें कैसे बन गई आलीशान फ्लैटों की मालकिन

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

एक साथ 5 युद्ध कर रहे इजराइल के ताकत की INSIDE कहानी
PM Modi LIVE: हरियाणा के पलवल में एक सार्वजनिक बैठक
7000 km का सफर तय करेगी 'वायु वीर विजेता' कार रैली, 50 से अधिक वायु योद्धा लेंगे हिस्सा
LIVE: पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाले एथलीटों और कोचों के लिए सम्मान कार्यक्रम
Kolkata RG Kar Medical Collage Case LIVE: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई