Exclusive: रामलला की मूर्ति को बालरूप देने के लिए क्या थी योगीराज की सबसे बड़ी स्ट्रैटेजी?

अयोध्या स्थित रामलला की मनमोहक प्रतिमा को देश के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। एशियानेट न्यूज (Asianet News) के राजेश कालरा से बातचीत के दौरान योगीराज ने बताया कि रामलला की मूर्ति को बालरूप देने के लिए उनकी सबसे बड़ी रणनीति क्या थी?

Ganesh Mishra | Published : Feb 12, 2024 11:15 AM IST / Updated: Feb 12 2024, 04:46 PM IST

Arun Yogiraj Interview: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। रामलला की मूर्ति कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। योगीराज ने एशियानेट न्यूज (Asianet News) के राजेश कालरा से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि 5 साल के रामलला की मूर्ति बनाने के दौरान उन्हें कुछ गाइडलाइंस फॉलो करनी थी। ऐसे में रामलला की मूर्ति को बालरूप देने के लिए उन्होंने आखिर क्या रणनीति अपनाई।

भगवान राम से जुड़ी पुरानी चीजों को खंगालना शुरू किया

अरुण योगीराज के मुताबिक, सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि हमारे पास पूर्वजों द्वारा बनाई गई रामलला की कोई पुरानी तस्वीर नहीं थी। साथ ही हमें 5 साल के बाल रूप में रामलला को बनाने के संबंध में भी कुछ दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा एक और चुनौती ये थी कि पैर की उंगलियों से लेकर माथे तक, सभी चीजें 51 इंच में ही बनाना है। ऐसे में हमने भगवान राम से जुड़ी पुरानी चीजों को खंगालना शुरू किया। हमारे कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी थी, क्योंकि हमें इसे पूरे देश के सामने लाना था।

रामलला की मूर्ति बनाने के पीछे क्या थी थॉट प्रॉसेस?

अरुण योगीराज के मुताबिक, हमें कहा गया था कि 5 साल के बालरूप की मूर्ति बनाना है तो इसके लिए मैंने खुद बारीकी से सोचना शुरू किया कि 5 साल के बालक के फीचर्स कैसे होंगे? किसी बच्चे के मुस्कुराने पर चेहरे में क्या हाव-भाव और बदलाव आते हैं, वो सब बारीकी से समझा। इसके लिए मैंने 3 साल और 9 साल के बाल रूप की स्टडी शुरू की ताकि आसानी से 5 साल के बालक को समझ सकूं। रामलला की मूर्ति के पीछे यही मेरी थॉट प्रॉसेस थी।

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कौन हैं अरुण योगीराज?

कर्नाटक स्थित मैसूर के रहने वाले अरुण योगीराज भारत के मशहूर मूर्तिकार हैं। उनका परिवार पिछले 250 साल से मूर्तिकला का काम कर रहा है। अरुण योगीराज अपने परिवार में पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। शुरुआत में अरुण योगीराज पिता और दादा की तरह मूर्तियां बनाने के पेशे में नहीं आना चाहते थे। यही वजह रही कि उन्होंने 2008 में मैसूर यूनिवर्सिटी से MBA किया और बाद में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने लगे। हालांकि, 9 से 5 की जॉब में वे संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से खुद को मूर्तिकला के काम में समर्पित कर दिया। योगीराज ने अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया और आज देश के सबसे बड़े मूर्तिकारों में शामिल हैं।

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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पहुंची थीं ये शख्सियत

बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पीएम मोदी के अलावा RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गर्भगृह में मौजूद थीं। इसके अलावा राजनीति, खेल, उद्योग और मनोरंजन जगत से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं। इनमें मुकेश अंबानी और उनका परिवार, कुमारमंगलम बिड़ला, आनंद महिन्द्रा, रविशंकर प्रसाद, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंडुलकर, रजनीकांत, चिरंजीवी, रामचरण तेजा, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, कंगना रनोट, रोहित शेट्टी, आयुष्मान खुराना, माधुरी दीक्षित और उनके पति श्रीराम नेने भी मौजूद थे।

यहां देखें पूरा Interview:

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