रामलला के बालरूप की मूर्ति अरुण योगीराज ने बनाई है। इस प्रतिमा को बनाते ही योगीराज घर-घर मशहूर हो गए। एशियानेट न्यूज (Asianet News) के राजेश कालरा ने हाल ही में अरुण योगीराज से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया- अगर वे मूर्तिकार न होते तो क्या करते?
Arun Yogiraj Exclusive Interview: अयोध्या के राम मंदिर में विराजित रामलला की मूर्ति कर्नाटक के 41 वर्षीय मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। हाल ही में एशियानेट न्यूज (Asianet News) के राजेश कालरा ने अरुण योगीराज ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि अगर वे मूर्तिकार न होते तो क्या करते? बता दें कि अरुण योगीराज बेहतरीन मूर्तिकार होने के साथ ही एक अच्छे एथलीट और प्रोफेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी हैं।
जानें, आर्टिस्ट न होते तो क्या करते अरुण योगीराज?
इंटरव्यू के दौरान अरुण योगीराज ने बताया कि अगर मैं मूर्तिकार न होता तो एक एग्रीकल्चरिस्ट (किसान) होता, क्योंकि ये मेरा जुनून था। आज भी जब मुझे अपने प्रोफेशन के दौरान कुछ समय मिलता है तो मैं खेती-किसानी से जुड़े काम करना पसंद करता हूं। बता दें कि अरुण योगीराज प्रोफेशनल वॉलीबॉल प्लेयर हैं। उन्होंने साल 2000 में वॉलीबॉल खेलना शुरू किया था। योगीराज ने नेशनल लेवल पर वॉलीबॉल खेलते हुए 2002 और 2003 में अपने राज्य कर्नाटक को रिप्रेजेंट किया है। योगीराज अपनी यूनिवर्सिटी के लिए भी वॉलीबॉल खेल चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई नौजवान खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी है, जो अब रेलवे और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में काम कर रहे हैं।
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मैंने कोई बड़ा काम नहीं किया, रामलला के नाम ने इसे बड़ा किया
अरुण योगीराज के मुताबिक, रामलला की मूर्ति से पहले मैंने दो और नेशनल प्रोजेक्ट में काम किया। इनमें से एक दिल्ली में सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा दूसरी केदारनाथ की आदि शंकराचार्य की मूर्ति है। शुरुआत के कुछ दिनों तक लोग मेरे पास आए, काफी सवाल-जवाब और इंटरव्यू हुए लेकिन धीरे-धीरे ये सिलसिला खत्म हो गया। हालांकि, जब मैंने रामलला की मूर्ति बनाई तो काफी कुछ बदल गया। क्योंकि राम हर किसी की आस्था से जुड़े हैं। पूरी दुनिया रामलला को चाहती है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे देश से इतना प्यार मिलेगा। मुझे लगता है कि मैंने कोई बहुत बड़ा काम नहीं किया, लेकिन इससे रामलला का नाम जुड़ा है इसलिए ये अपने आप बड़ा हो गया।
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कौन हैं अरुण योगीराज?
अरुण योगीराज कर्नाटक स्थित मैसूर शहर के रहने वाले हैं। उनका परिवार 250 साल से मूर्तिकला का काम कर रहा है। अरुण अपने खानदान में पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। शुरुआत में अरुण योगीराज पिता और दादा की तरह मूर्तियां बनाने के पेशे में नहीं आना चाहते थे। यही वजह रही कि उन्होंने 2008 में मैसूर यूनिवर्सिटी से MBA किया और बाद में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने लगे। हालांकि, 9 से 5 की जॉब में वे संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से खुद को मूर्तिकला के काम में समर्पित कर दिया। योगीराज ने अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया और आज देश के सबसे बड़े मूर्तिकारों में शामिल हैं।
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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पहुंची थीं ये शख्सियत
बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पीएम मोदी के अलावा RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गर्भगृह में मौजूद थीं। इसके अलावा राजनीति, खेल, उद्योग और मनोरंजन जगत से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं। इनमें मुकेश अंबानी और उनका परिवार, कुमारमंगलम बिड़ला, आनंद महिन्द्रा, रविशंकर प्रसाद, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंडुलकर, रजनीकांत, चिरंजीवी, रामचरण तेजा, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, कंगना रनोट, रोहित शेट्टी, आयुष्मान खुराना, माधुरी दीक्षित और उनके पति श्रीराम नेने भी मौजूद थे।
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