अमृतसर में गुरुवार को खालिस्तान समर्थक 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। अमृतपाल ने अपने साथी को पुलिस से छुड़ाने के लिए पहले ही थाने का घेराव करने की धमकी दी थी।
Who is Amritpal Singh: पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला कर दिया। हमलावरों के हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। इस हमले में 6 पुलिसवाले घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया है। वहीं, इस मामले में अमृतपाल सिंह का कहना है कि एक हफ्ते पहले हमारे एक सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि वो निर्दोष है। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने पुलिस में दर्ज FIR से लवप्रीत का नाम नहीं हटाने पर थाने के घेराव की धमकी दी थी। आखिर कौन है अमृतपाल और खालिस्तान से क्या है कनेक्शन, आइए जानते हैं।
'वारिस पंजाब दे' संगठन का जत्थेदार है अमृतपाल :
पंजाब में इन दिनों अमृतपाल सिंह का नाम सुर्खियों में है। वो 'वारिस पंजाब दे' संगठन का जत्थेदार है। पिछले साल ही उसकी ताजपोशी हुई है। बता दें कि 'वारिस पंजाब दे' खालिस्तानी समर्थक ग्रुप है, जिसे 2 साल पहले पंजाब के एक्टर और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू किसान आंदोलन के वक्त चर्चा में आया था।
जानें कैसे कैसे बना संगठन प्रमुख?
दरअसल, दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान लाल किले में हुए ट्रैक्टर मार्च के दौरान दीप सिद्धू को इस हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया था। सिद्धू पर आरोप थे कि उसने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया। हालांकि, बाद में दीप सिद्धू की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद ही अमृतपाल को इस संगठन का मुखिया बनाया गया।
जानें कहां से भारत आया अमृतपाल?
बता दें कि 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया अमृतपाल कुछ साल पहले दुबई से भारत आया है। दुबई में उसकी फैमिली का ट्रांसपोर्ट बिजनेस है, जहां वो काम करता था। हालांकि, भारत में आकर उसने खालिस्तान के समर्थन में बोलना शुरू कर दिया। इसके अलावा उसने पंजाब के युवाओं को ड्रग्स से छुटकारा दिलाने के नाम पर अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया।
अमृतपाल ने गृह मंत्री को दी ये धमकी :
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने बीते रविवार को गृह मंत्री अमित शाह को इशारों-इशारों में धमकी दी थी। पंजाब के मोगा जिले के बुधसिंह वाला गांव में दीप सिद्धू की बरसी पर आयोजित एक सभा में उसने कहा- इंदिरा गांधी ने भी सिखों को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन क्या हश्र हुआ? अब अमित शाह भी अपनी ख्वाहिश पूरी करके देख लें। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि खालिस्तानी आंदोलन पर हमारी नजर है और हम इसे आगे नहीं बढ़ने देंगे।
जब हिंदू राष्ट्र की मांग हो सकती है तो खालिस्तान क्यों नहीं?
अमृतपाल सिंह का कहना है कि जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो हम खालिस्तान की क्यों न करें। हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वो पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान। अमृतपाल ने आगे कहा- हमारे पूर्वजों ने देश को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया और हम भी अपने धर्म और समुदाय को बचाने के लिए प्राण देने को तैयार हैं।
पंजाब के शिवसेना नेता की हत्या में भी आया नाम :
बता दें कि अमृतपाल सिंह का नाम पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आ चुका है। सुधीर सूरी की फैमिली ने उनकी हत्या में खुलकर अमृतपाल सिंह का नाम लिया था। इसके बाद पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के गांव सिंगावाला में नजरबंद कर दिया था।
भिंडरावाला का समर्थक है अमृतपाल :
अमृतपाल सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाला का समर्थक है। भिंडरावाला खालिस्तानी आंदोलन का जनक है। उसके समर्थक उसे संत मानते हैं, वहीं उसकी विचारधारा से सहमति न रखने वाले कट्टरपंथी कहते हैं। भिंडरावाला के नेतृत्व में 80 के दशक में पंजाब के अंदर खालिस्तान आंदोलन उग्र हो गया था। इसे कुचलने के लिए इंदिरा गांधी सरकार ने जून, 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इस ऑपरेशन में भिंडरावाले की मौत हो गई थी।
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