कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी, जो बन सकते हैं भारत के अगले उपराष्ट्रपति

बीजेपी नेता और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही नकवी के राज्यसभा कार्यकाल का भी 7 जुलाई को आखिरी दिन है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वो NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

Mukhtar Abbas Naqvi: बीजेपी नेता और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नकवी का राज्यसभा कार्यकाल भी गुरुवार को खत्म हो रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें NDA की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। बता दें कि नकवी कई बार केंद्र में मंत्री रह चुके हैं।  

PM मोदी ने की नकवी की तारीफ : 
कैबिनेट मीटिंग के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्तार अब्बास नकवी की तारीफ की। इसके साथ ही पीएम ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) कोटे से केंद्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह की भी तारीफ की। बता दें कि आरसीपी सिंह का भी बतौर राज्यसभा सांसद गुरुवार को अंतिम दिन है। वहीं, मुख्तार अब्बास नकवी का नाम उपराष्ट्रपति से लेकर कुछ राज्यों के गवर्नर या फिर लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए भी चल रहा है। 

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कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी?
मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म 15 अक्टूबर, 1957 को प्रयागराज में हुआ था। नकवी ने आर्ट्स और मास कम्युनिकेशन में पढ़ाई की है। उन्होंने 8 जून, 1983 को सीमा नकवी से शादी की। उनका एक बेटा है। राजनीतिक करियर की बात करें तो नकवी महज 17 साल की उम्र में स्टूडेंट लीडर बन गए थे। इसी दौर में वो इमरजेंसी के दौरान जेल नैनी सेंट्रल जेल भी गए थे। नकवी कभी इंदिरा गांधी को चुनाव में हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबी थे। हालांकि, बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए। 

शुरुआती दौर में मिली हार : 
मुख्तार अब्बास नकवी ने बीजेपी के टिकट पर पहली बार उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि वो इसमें जीत नहीं पाए। 1991 में नकवी सिर्फ 133 वोट से सीपीआई के इम्तियाज अहमद से चुनाव हार गए थे। वहीं 1993 के विधानसभा चुनाव में बसपा के नसीम ने करीब 10 हजार वोटों के अंतर से उन्हें हराया था। 

1998 में रामपुर से जीत कर पहली बार पहुंचे संसद : 
मुख्तार अब्बास नकवी ने 1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतने में सफल रहे। ये पहला मौका था, जब कोई मुस्लिम चेहरा बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर पहली बार संसद पहुंचा था। इसके बाद वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री रहे। नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। 2016 में उन्हें झारखंड से राज्यसभा भेजा गया था। 

मई, 2014 में बने मोदी कैबिनेट का हिस्सा : 
मुख्तार अब्बास नकवी 26 मई, 2014 में मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बनाए गए। 12 जुलाई, 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी दे दिया गया। इसके बाद दोबारा 30 मई, 2019 को एक बार फिर मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और 6 जुलाई, 2022 तक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहे। 

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