सैम पित्रोदा एक भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और राजनीतिक सलाहकार हैं। वे गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार माने जाते हैं। पित्रोदा राजीव गांधी और मनमोहन सिंह सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
Who is Sam Pitroda: राहुल गांधी हाल ही में अमेरिका के टेक्सास पहुंचे, जहां उन्होंने छात्रों से इंडियन पॉलिटिक्स, अर्थव्यवस्था और भारत जोड़ो यात्रा समेत कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा- राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं, वो काफी पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल किसी भी मुद्दे पर गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं। आखिर कौन हैं सैम पित्रोदा, जो कई मौकों पर राहुल गांधी के साथ नजर आते हैं। जानते हैं गांधी परिवार से उनका क्या संबंध है।
कौन हैं सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा का असली नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। उनका जन्म 16 नवंबर, 1942 को ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती परिवार में हुआ। पित्रोदा और उनका परिवार शुरू से ही गांधीवादी विचारों और नीतियों का बड़ा समर्थक रहा है। इसी के चलते सैम पित्रोदा भी कांग्रेस परिवार के बेहद नजदीक हैं। 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो उसके बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने सैम पित्रोदा को अपना सलाहकार नियुक्त किया। 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पित्रोदा को राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए कहा। इसके बाद 2005 से 2009 के बीच वो नेशनल नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष रहे।
UPA के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह के सलाहकार बने
2009 में जब कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकार दोबारा सत्ता में आई तो उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सलाहकार बनाया गया। इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिला। 2010 में पित्रोदा ने नेशनल इनोवेटिव काउंसिल की स्थापना की।
विवादों से सैम पित्रोदा का गहरा नाता
सैम पित्रोदा और विवादों का तो मानो चोली-दामन का साथ हो। ऐसे कई मौके रहे, जब उनकी बयानबाजी के चलते बवाल हुआ। अप्रैल, 2024 में उन्होंने विरासत टैक्स को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिसकी वजह से कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा। दरअसल, पित्रोदा ने भारत में विरासत टैक्स लगाने की वकालत करते हुए कहा- अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55% पर सरकार का अधिकार हो जाता है। पित्रोदा के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी ने उनके निजी विचार बताते हुए किनारा कर लिया था।
सिख दंगों पर भी दिया विवादित बयान
सैम पित्रोदा ने 2019 के चुनाव में सिख दंगों पर बात करते हुए कहा था- अब क्या है 84 का, बीजेपी ने पांच साल में क्या किया, उस पर बात करें। 84 हुआ तो हुआ, आपने क्या किया? इसी तरह, एक अन्य बयान में उन्होंने मिडिल क्लास को लेकर कहा- मध्यम वर्ग को ज्यादा टैक्स भरना चाहिए ताकि गरीब परिवारों के लिए न्यूनतम आय की गारंटी दी जा सके।
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