कांग्रेस की जीत के साथ मुख्यमंत्री पद के चयन की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। रविवार शाम को इसके लिए विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई है।
Who will Karnataka new CM: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की है। कांग्रेस की जीत के साथ मुख्यमंत्री पद के चयन की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। रविवार शाम को इसके लिए विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई है। विधायकों के साथ रायशुमारी के बाद नेता का चयन किया जाना है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार व पूर्व सीएम सिद्धारमैया के समर्थकों ने अपने अपने मुख्यमंत्री का ऐलान कर बधाई देना भी शुरू कर दिया है।
राज्य में शुरू हुआ पोस्टर वार
कांग्रेस के विधायक दल व केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही मुख्यमंत्री पद के लिए कोई नाम तय नहीं किया है लेकिन कर्नाटक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के समर्थकों ने बधाई देनी शुरू कर दी है। अपने-अपने नेता के आवास के आसपास या शहर में पोस्टर लगाकर समर्थक अपने मनपसंद नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त बता रहे हैं। सिद्धारमैया के समर्थकों ने बेंगलुरु में उनके आवास के बाहर पोस्टर लगाया है, जिसमें उन्हें कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बताया गया है। बेंगलुरु में डीके शिवकुमार के घर के बाहर भी पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें उन्हें कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित करते हुए जन्मदिन की बधाई दी गई है। जबकि शिवकुमार का जन्मदिन 15 मई को जन्मदिन है।
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उधर, कर्नाटक में जीत के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शनिवार को राज्य के दोनों दिग्गज नेताओं डीके शिवकुमार व सिद्धारमैया के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने जीत को लोगों को समर्पित करने के साथ चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने दोनों नेताओं को एक साथ लाकर यह संदेश दिया कि पद को लेकर किसी प्रकार न खींचतान है न मतभेद है।
विधायक दल की मीटिंग में होगा फैसला
मुख्यमंत्री पद के लिए किस नेता को चुना जाए इसके लिए कांग्रेस ने रविवार शाम अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि शाम 6 बजे बेंगलुरु के शांगरी-ला होटल में निर्धारित है। मीटिंग में पर्यवेक्षक विधायकों की राय जानेंगे और आखिर में एक प्रस्ताव पास कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज कर यह कहा जाएगा कि केंद्रीय नेतृत्व सीएम के चेहरे का चयन करे। कांग्रेस महासचिव सुशील कुमार शिंदे, दीपक बाबरिया और जितेंद्र सिंह अलवर को कर्नाटक सीएलपी बैठक के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
तीन दशक के सारे रिकॉर्ड को कांग्रेस ने तोड़ा
कांग्रेस की जीत का पैमाना 30 वर्षों में सीटों और वोट शेयर दोनों के मामले में एक रिकॉर्ड है। पार्टी ने 136 सीटों पर जीत हासिल की है। यह 2018 की तुलना में 55 अधिक है। साथ ही 42.88 प्रतिशत का वोट शेयर भी हासिल किया है। कांग्रेस इस स्कोर के सबसे करीब 1999 में आई थी जब उसने 132 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर 40.84 प्रतिशत था। 1989 में, इसने 43.76 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 178 सीटें जीतीं। बीजेपी ने 36 फीसदी वोट शेयर के साथ 66 सीटें जीती हैं। एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस ने 13.29 फीसदी वोट शेयर के साथ 19 सीटें जीती हैं।
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