इन 6 वजहों से अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को बनाया दिल्ली का CM

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आप नेता आतिशी को दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। उनके चयन के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें उनकी योग्यता, साफ छवि और दिल्ली शिक्षा मॉडल में योगदान शामिल हैं।

Vivek Kumar | Published : Sep 17, 2024 8:27 AM IST / Updated: Sep 17 2024, 06:35 PM IST

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसकी घोषणा हो गई है। आप प्रमुख केजरीवाल ने इसके लिए आतिशी को चुना है।

आप के सीनियर नेता गोपाल राय ने कहा, "अगले चुनाव तक आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी। विधायकों ने उन्हें दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। नं. 1 दिल्ली के लोगों के लिए काम जारी रखेंगी। नं. 2 सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों और कार्यों को भाजपा की तोड़फोड़ से बचाएंगी।"

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने आप विधायक दल की बैठक में 43 साल की आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था। पार्टी ने सर्वसम्मति से इसपर सहमति जताई। गोपाल राय और कैलाश गहलोत जैसे सीनियर नेताओं के इस पद के लिए शीर्ष दावेदार के रूप में उभरने के बावजूद आतिशी को चुना गया।

ये हैं छह खास वजह जिसके चलते आतिशी को अरविंद केजरीवाल ने CM चुना

1- वंशवाद की राजनीति नहीं, योग्यता के आधार पर चयन: चर्चा थी कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को सीएम बना सकते हैं। बिहार में एक समय राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ऐसा किया था। चारा घोटाला के चलते पद छोड़ना पड़ा तो उन्होंने पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। अपनी पत्नी को सीएम न बनाकर केजरीवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह वंशवाद की जगह योग्यता को प्राथमिकता देते हैं।

2- डैमेज कंट्रोल और महिला सशक्तिकरण: केजरीवाल के घर में उनके सचिव ने आप नेता स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की। घटना के वक्त केजरीवाल घर में थे। इस मामले के चलते अरविंद केजरीवाल की छवि को बड़ा नुकसान हुआ है। एक महिला को सीएम चुनकर उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। वह इसे आने वाले चुनावों में महिला सशक्तिकरण के लिए किया गया प्रयास बता सकते हैं। आतिशी केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की करीबी व विश्वासपात्र भी हैं।

3- भाजपा के 33% महिला आरक्षण की काट: आतिशी को सत्ता की बागडोर सौंपकर केजरीवाल ने भाजपा के 33% महिला आरक्षण के वादे से आगे जाकर काम किया है।

4- मंत्री के रूप में अच्छा काम: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे आप के सीनियर नेताओं को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आतिशी को मार्च 2023 में मंत्री बनाया गया था। वह शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), बिजली और पर्यटन जैसे 14 मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहीं हैं। उन्होंने मंत्री के रूप में अच्छा काम किया है।

5- साफ छवि: आतिशी की छवि साफ है। किसी भी मामले में उनका नाम नहीं आया है।

6- दिल्ली शिक्षा मॉडल की वास्तुकार: आतिशी दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज की छात्रा रहीं हैं। उन्होंने दिल्ली शिक्षा मॉडल की वास्तुकार के रूप में अच्छा काम किया है।

यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री आतिशीः शीला दीक्षित के बाद दिल्ली वालों को मिली दूसरी महिला CM

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