आखिर क्यों इतना खतरनाक है कोरोना का BF7 वैरिएंट, अब तक 10 से ज्यादा देशों में फैल चुका वायरस

Published : Dec 21, 2022, 08:39 PM ISTUpdated : Aug 03, 2023, 09:12 AM IST
आखिर क्यों इतना खतरनाक है कोरोना का BF7 वैरिएंट, अब तक 10 से ज्यादा देशों में फैल चुका वायरस

सार

चीन में इस समय कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के मरीज इतनी तेजी से आ रहे हैं कि अस्पतालों में बेड तक नहीं बचे हैं। चीन में कोरोना विस्फोट के लिए ओमिक्रॉन का BF7 वैरिएंट जिम्मेदार है। आखिर ये वायरस क्यों इतना खतरनाक है, आइए जानते हैं। 

Corona BF7 Variant: चीन में इस समय कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के मरीज इतनी तेजी से आ रहे हैं कि अस्पतालों में बेड तक नहीं बचे हैं। मरीजों को फर्श पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है। चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि चीन में लगातार 24 घंटे डेडबॉडी श्मशानों में पहुंच रही हैं। बता दें कि चीन में कोरोना विस्फोट के लिए ओमिक्रॉन का BF7 वैरिएंट जिम्मेदार है। आखिर ये वायरस क्यों इतना खतरनाक है, आइए जानते हैं। 

क्या है ओमिक्रॉन का BF.7 वैरिएंट?
ओमिक्रॉन के इस वैरिएंट को BA.5.2.1.7 या BF.7 भी कहते हैं। यह वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन (R346T) की वजह से बना है। जानकारों का कहना है कि ये वैरिएंट बड़ी ही आसानी से इम्यून सिस्टम को बायपास कर निकल जाता है। एक बार इस वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद लोग सुपरस्प्रेडर बन जाते हैं और संक्रमण तेजी से फैलता है। 

आखिर क्यों इतना खतरनाक है BF.7 वैरिएंट?
जानकारों के मुताबिक R346T म्यूटेशन की वजह से कोरोना का BF.7 वैरिएंट एंटीबॉडी को भी चकमा दे सकता है। सामान्य तौर पर अगर कोई व्यक्ति पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुका है या फिर उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में ऑटोमेटिक एंटीबॉडी बन जाती है। लेकिन BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर लोगों को बीमार बना रहा है। 

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एक बार में कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है BF.7?
BF.7 की R वैल्यू 10-18.6 है। इसका मतलब ये है कि इस वायरस से संक्रमित होने वाला एक मरीज 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। आमतौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट की औसत R वैल्यू 5 पाई जाती है। R वैल्यू एक तरह से वायरस का रीप्रोडक्शन रेट है, जो ये बताता है कि एक इन्फेक्टेड व्यक्ति से कितने लोग संक्रमित हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर R फैक्टर 1.0 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं। वहीं, R फैक्टर का 1.0 से कम होना केस घटने का संकेत है।

अब तक कौन-कौन से वैरिएंट आ चुके?
कोरोना की बात करें तो इसका सबसे पहला केस चीन के वुहान शहर में मिला। ये ओरिजिनल वायरस था। इसके बाद 2020 में म्यूटेट होकर अल्फा वैरिएंट आया, जिसने यूके में तबाही मचाई। इसका अगला वैरिएंट बीटा के रूप में आया, जिसने 2021 में दक्षिण अफ्रीका में कहर ढाया। इसी साल, एक और म्यूटेशन के बाद इसका गामा वैरिएंट बना, जिसने ब्राजील में तबाही मचाई। 2021 में ही वायरस में हुए म्यूटेशन के बाद इसके डेल्टा वर्जन ने भारत में हाहाकार मचाया। इसके बाद 2021 में इसका ओमिक्रॉन वैरिएंट आया, जो कई देशों में फैला। अब ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट के रूप में BF.7 चीन में कहर बरपा रहा है। 

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अब तक कितने देशों में फैल चुका BF.7?
BF.7 वैरिएंट की बात करें तो इसका पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था। तब से अब तक ये वायरस अमेरिका, यूके, बेल्जियम, भारत, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क, जापान सहित यूरोप के कई देशों में फैल चुका है। 10 दिसंबर तक अमेरिका में कोरोना के नए मामलों में BF.7 वैरिएंट के 5.7% केस थे। वहीं, बेल्जियम में 25% जबकि जर्मनी और फ्रांस में 10 फीसदी केस इस वैरिएंट के थे।

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