सार
चीन में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची है, जिसके चलते फर्श पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर काम का बोझ इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इलाज करते-करते डॉक्टर भी बेहोश हो रहे हैं।
Corona in China: चीन में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची है, जिसके चलते फर्श पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर काम का बोझ इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इलाज करते-करते डॉक्टर भी बेहोश हो रहे हैं। कोरोना से जूझ रहे चीन के कई फोटो और वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो बेहद डराने वाले हैं। चीन के चोंगकिंग शहर के एक अस्पताल का वीडियो सामने आया है, जहां इमरजेंसी रूम में मरीज फर्श पर जहां-तहां लेटे दिख रहे हैं। यहां एक भी बेड खाली नहीं दिख रहा है। कुछ गंभीर मराजों को डॉक्टर फर्श पर लिटाकर सीपीआर देते नजर आ रहे हैं। कई मरीजों का डॉक्टर इमरजेंसी के हिसाब से इलाज करते नजर आ रहे हैं।
इलाज करते-करते डॉक्टर हो रहे बेहोश :
चीन में इस समय हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि इलाज करते-करते डॉक्टर भी बेहोश हो रहे हैं। डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर काम का लोड इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उनकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है, जिसके चलते डॉक्टर कुर्सी पर पड़े-पड़े ही गिर रहे हैं। एक वीडियो में थका हुआ डॉक्टर कुर्सी पर ही बेहोश हो जाता है। इसके बाद वहां खड़े दूसरे लोग फौरन मदद के लिए चिल्लाते हैं। कुछ देर डॉक्टर होश में नहीं आता तो उसे कुर्सी से उठाकर इमरजेंसी में ले जाना पड़ता है।
अगले 3 महीने चीन के लिए बेहद खतरनाक :
चीन में कोरोना विस्फोट की कई वजहें बताई जा रही हैं। महामारी विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले 3 महीने चीन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। चीन की करीब 60% आबादी कोरोना की चपेट में आ सकती है। इसके साथ ही 10 लाख से ज्यादा मौतें होने का अनुमान है।
इस वजह से चीन में हुआ कोरोना विस्फोट :
1- चीन की खराब नीतियां :
महामारी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन में कोरोना विस्फोट की सबसे बड़ी वजह वहां की खराब नीतियां हैं। चीन ने लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के बजाय कोरोना से बचाव के तरीकों पर ज्यादा ध्यान दिया। इसी के चलते उसने सख्त नियम लागू किए और लोगों में हर्ड इम्यूनिटी नहीं डेवलप हो पाई।
2- बुजुर्गों का कम वैक्सीनेशन :
चीन में बुजुर्ग लोगों के वैक्सीनेशन पर भी ध्यान नहीं दिया गया। यहां अब भी 65 साल से उम्र के लोगों को बूस्टर डोज नहीं लगाई गई है। वहीं, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। हालांकि चीन दावा करता है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।
3- पहले प्रतिबंध फिर अचानक हटाना :
चीन ने कोरोना के चलते पहले जीरो कोविड पॉलिसी लागू की। इसकी वजह से लोगों में वायरस के प्रति इम्युनिटी नहीं बन पाई। बाद में चीन की जनता ने प्रतिबंधों का विरोध किया तो चीन ने लॉकडाउन हटा दिया। इसकी वजह से कोरोना केस अचानक से बढ़े।
अगले 90 दिन चीन के लिए बेहद खतरनाक :
महामारी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन के लिए अगले 90 दिन बेहद खतरनाक साबित होंगे। चीन में 21 जनवरी से लूनर ईयर सेलिब्रेशन शुरू हो जाएगा, जिसके चलते लोग बड़ी संख्या में ट्रैवल करेंगे। इससे वायरस ट्रांसमिट होगा। इसके अलावा मार्च में चीन में हॉलिडे होते हैं। इस समय लोग छुट्टियां मनाने जाएंगे, जिससे कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में कोरोना फिलहाल पूरी तरह कंट्रोल में है। पिछले हफ्ते यहां 1081 केस आए हैं। वहीं, एक्टिव केस की बात करें तो भारत में अभी 3408 एक्टिव केस हैं, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटों में कोरोना के सिर्फ 131 केस आए हैं। वहीं भारत में 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन हो चुका है। हालांकि, भारत में संभावित खतरे को देखते हुए कोरोना वायरस के सभी पॉजिटिव केस के सैंपल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा गया है।
ये भी देखें :
न अस्पतालों में बेड, न मिल रही दवाएं...चीन में बेकाबू हुए कोरोना ने दिखाया रौद्र रूप