
Pahalgam Terror attack: 26 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गुरुवार शाम बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग (All Party Meeting) में विपक्ष ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत कई नेताओं ने सुरक्षा चूक पर सवाल खड़े किए।
मीटिंग में सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि पहलगाम के पास स्थित पर्यटक स्थल बाइसारन (Baisaran Meadow), जहां हमला हुआ, वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं तैनात थे? राहुल गांधी ने यह सवाल सीधे उठाया जिसका समर्थन खड़गे और संजय सिंह जैसे नेताओं ने किया।
सरकार की तरफ से बताया गया कि बाइसारन क्षेत्र में हर साल जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती होती है। लेकिन इस साल 20 अप्रैल से ही कुछ स्थानीय टूर ऑपरेटर पर्यटकों को वहां ले जाने लगे, जिसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं थी। चूंकि अमरनाथ यात्रा शुरू नहीं हुई थी, इसलिए वहां कोई सुरक्षात्मक तैनाती नहीं की गई थी।
मीटिंग में विपक्ष ने सरकार के उस फैसले पर भी सवाल उठाए जिसमें पाकिस्तान के साथ 1960 की इंडस जल संधि (Indus Waters Treaty) को सस्पेंड किया गया है। विपक्ष का तर्क था कि भारत के पास पर्याप्त जल भंडारण क्षमता नहीं है तो इस कदम से व्यावहारिक रूप से क्या हासिल होगा?
सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि यह कदम प्रतीकात्मक और रणनीतिक है जिससे पाकिस्तान को सख्त संदेश देना है। इस फैसले का उद्देश्य यह दिखाना है कि भारत आतंकवाद को लेकर कोई नरमी नहीं बरतेगा और आगे की रणनीति भी सख्त रहेगी।
मीटिंग की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति की जानकारी के साथ की। इसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका ने 20 मिनट की प्रस्तुति दी, जिसमें पहलगाम हमले का क्रमवार विवरण, खुफिया इनपुट और अब तक उठाए गए कदम शामिल थे।
ऑल पार्टी मीटिंग में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले, प्रफुल पटेल, बीजेडी से सस्मित पात्रा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, आरजेडी से प्रेमचंद गुप्ता, डीएमके से तिरुचि शिवा और समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
सरकार ने इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं: