CJI डीवाई चंद्रचूड़ को वीडियो देख आया गुस्सा...कैमरे में बैलेट से छेड़छाड़ करते दिखे रिटर्निंग आफिसर अनिल मैसी

सुप्रीम कोर्ट ने फटकारते हुए रिटर्निंग आफिसर व संबंधितों को दो टूक संदेश दिया कि वह लोकतंत्र की हत्या करने की इजाजत नहीं देगा।

Dheerendra Gopal | Published : Feb 5, 2024 6:10 PM IST

Chandigarh Mayor Election 2024: लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले दिनों में एक चंडीगढ़ मेयर चुनाव वाली 30 जनवरी मानी जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कैमरा के सामने चुनाव कराए गए रिटर्निंग ऑफिसर बैलेट में वोटिंग के बाद गड़बड़ी कर रहा है और पूरा तंत्र चुप्पी साध लेता। लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व माने जाने वाले चुनाव में इस तरह की गड़बड़ी का वीडियो देख सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में है। आलम यह कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की बेंच को इस मामले में हस्तक्षेप कर सारे रिकॉर्ड्स को सील कराना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने फटकारते हुए रिटर्निंग आफिसर व संबंधितों को दो टूक संदेश दिया कि वह लोकतंत्र की हत्या करने की इजाजत नहीं देगा।

 

 

दरअसल, आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन वहां से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट मामला पहुंचा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान धांधली का वीडियो देख सीजेआई चंद्रचूड़ बिफर पडे़।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मतगणना का एक वीडियो देखने के बाद गुस्से में कहा: क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? वह कैमरे की ओर देखता है और जाहिर तौर पर मतपत्र को विकृत कर देता है। जहां (मतपत्र के) नीचे एक क्रॉस है, वह (रिटर्निंग ऑफिसर) इसे ट्रे में रखता है। जैसे ही शीर्ष पर एक क्रॉस होता है, आदमी मतपत्र को विरूपित करता है और कैमरे की ओर देखता है।

सुप्रीम कोर्ट की नजर है उन पर...

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन पर नजर रख रहा है। हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। देश में स्थिरता लाने वाली सबसे बड़ी ताकत चुनाव प्रक्रिया की शुचिता है।

क्या है आप का दावा?

AAP ने दावा किया कि अधिकारी अनिल मसीह को मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हुए कैमरे में पकड़ा गया। कोर्ट से डिमांड किया कि आरोपी रिटर्निंग आफिसर को अरेस्ट किया जाए। कोर्ट में आम आदमी पार्टी की ओर से बताया गया कि रद्द किए गए 8 वोटों की बदौलत वह चुनाव जीत सकते थे।

35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के 14 पार्षद हैं, आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं। जबकि कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं। इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर मेयर चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि, आप-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले जबकि 8 वोट इनवैलिट हो गए। वहीं, बीजेपी प्रत्याशी मनोज सोनकर 16 वोट पाकर चुनाव में विजयी घोषित किए गए। आप और कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और कोर्ट पहुंची है।

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