. भारत और ब्रिटेन अगले महीने युवा पेशेवर योजना-शुरू करेंगे। इसके तहत 18 से 30 साल की उम्र के डिग्री धारक भारतीय नागरिक ब्रिटेन में दो साल तक रह सकेंगे और काम कर सकेंगे। योजना 28 फरवरी को शुरू की जाएगी।
नई दिल्ली. भारत और ब्रिटेन अगले महीने युवा पेशेवर योजना- Young Professionals Scheme शुरू करेंगे। इसके तहत 18 से 30 साल की उम्र के डिग्री धारक भारतीय नागरिक ब्रिटेन में दो साल तक रह सकेंगे और काम कर सकेंगे। यहां आयोजित 15वें भारत-यूके विदेश कार्यालय परामर्श (15th India-UK Foreign Office Consultations-FOC) के बाद जारी विदेश मंत्रालय (MEA) के बयान के अनुसार, यह योजना 28 फरवरी को शुरू की जाएगी। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि ब्रिटिश पक्ष का नेतृत्व फिलिप बार्टन (स्थायी अवर सचिव, विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय) ने किया। बार्टन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की। जयशंकर ने बार्टन से मुलाकात के बाद ट्विटर पर कहा, 'हमने रोडमैप 2030 के तहत प्रगति और वैश्विक मुद्दों सहित हमारे बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों-bilateral relationship पर चर्चा की।'
यूके सरकार के एक बयान केअनुसार बार्टन ने कहा,"मैं यहां नई दिल्ली में आकर बहुत खुश हूं। 2023 की शुरुआत में भारत के साथ सहयोग को डीप में लेने जाने के लिए रोडमैप-2030 के प्रति यूके का कमिटमेंट दर्शाता हूं। हमारी व्यापक स्ट्रेटेजिक पार्टनिशप के माध्यम से यूके और भारत मिलकर आज दुनिया के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिसमें फूड और एनर्जी सिक्योरिटी, कोविड के बाद आर्थिक सुधार और भविष्य की महामारियों को रोकना शामिल है।"
बार्टन ने यह भी कहा कि यूके और भारत संभावित मलेरिया और इबोला टीकों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सहित बहुपक्षीय रूप से तेजी से एक साथ काम कर रहे हैं।
बार्टन ने कहा-"मुझे G20 प्रेसीडेंसी के लिए भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में विदेश सचिव क्वात्रा से सुनकर खुशी हुई। भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के केंद्र में है, जहां दुनिया के आधे लोग रहते हैं और वैश्विक आर्थिक विकास का 50% उत्पादन होता है। यूके भारत की अध्यक्षता को सफल बनाने के लिए उसके साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
9 जनवरी को लंदन में प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर यंग प्रोफेशनल स्कीम को औपचारिक रूप देने वाले पत्रों का आदान-प्रदान किया गया था। एफओसी के दौरान बार्टन और क्वात्रा ने इसकी सराहना की।
यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम 18 से 30 साल के डिग्री एजुकेटेड भारतीय नागरिकों को सालाना 3,000 स्थानों की पेशकश करेगी, ताकि वे यूके में दो साल तक रह सकें और काम कर सकें। कार्यक्रम पारस्परिक होगा। यानी ब्रिटेन के पेशेवरों को उसी स्थिति में भारत में रहकर और काम करके पेशेवर आदान-प्रदान में भाग लेने की अनुमति होगी।
यूके होम ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 को समाप्त 12 महीनों में यूके द्वारा जारी छात्र वीजा के लिए भारत ने चीन को सबसे बड़े स्रोत देश के रूप में पीछे छोड़ दिया।
MEA के बयान में कहा गया है कि भविष्य के संबंधों के लिए रोडमैप 2030 को अपनाने के साथ भारत और यूके एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। एफओसी ने कोविड महामारी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने व्यापार और आर्थिक सहयोग, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लोगों से लोगों के बीच संबंध, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान, यूक्रेन, हिंद-प्रशांत, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यूके ने 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के योगदान की सराहना की और यूएनएससी सुधारों के लिए अपना समर्थन दोहराया। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष राजनीतिक और वरिष्ठ आधिकारिक स्तरों पर नियमित आदान-प्रदान बनाए रखने और 2024 में लंदन में अगला एफओसी आयोजित करने पर सहमत हुए।
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