ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत हुआ है। रेलवे के इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपये है। पुल का निर्माण मुंबई स्थित बुनियादी ढांचा प्रमुख Afcons की ओर से किया गया है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल पर काम करने वाले वकर्स ने हर घर तिरंगा अभियान के प्रति जोश दिखाते हुए तिरंगा फहराया। श्रमिकों ने आतिशबाजी भी की है। चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा हो गया। शनिवार को पुल का गोल्डन जॉइंट (आखिरी जोड़) लगाया गया। पुल करीब 98 प्रतिशत बनकर तैयार है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर चिनाब ब्रिज का वीडियो शेयर कर जानकारी दी है। 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से करीब 35 मीटर ऊंचा यह पुल है।
28,000 करोड़ रुपये है प्रोजेक्ट लागत
ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत हुआ है। रेलवे के इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपये है। पुल का निर्माण मुंबई स्थित बुनियादी ढांचा प्रमुख Afcons की ओर से किया गया है।
क्या बताया चेयरमैन ने?
कोंकण रेलवे के चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि इस ब्रिज को बनाने में लंबा समय लगा है। विपरीत परिस्थितियों-खराब मौसम, सर्दी, हाइट, की वजह से वर्कर्स व अन्य स्टॉफ ने तमाम चुनौतियां झेली।
क्या है इसकी खासियत?
दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज रियासी जिले में बना है। यह पुल बक्कल और कौड़ी के बीच बनाया गया है। इस रेलवे पुल की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है। रेल ब्रिज 1.3 किमी लंबा है। यह पुल 17 केबल्स पर टिका है। इस पुल पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का असर नहीं होगा। यह 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा को सह सकता है।
ब्लास्ट का नहीं होगा इस पुल पर असर
इस पुल का निर्माण ब्लास्ट लोड टेक्नोलॉजी के आधार पर किया गया है। इस पुल पर किसी ब्लास्ट या प्रेशर का असर नहीं होगा। 111 किमी लंबे कटरा और बनिहाल मार्ग पर रेल ब्रिज बनने से कश्मीर रेलमार्ग के जरिए देश से जुड़ जाएगा।
यह भी पढ़ें:
IAS की नौकरी छोड़कर बनाया था राजनीतिक दल, रास नहीं आई पॉलिटिक्स तो फिर करने लगा नौकरी
राहुल की तरह अरविंद केजरीवाल भी अर्थशास्त्र के ज्ञान का ढोंग कर रहे और फेल हो रहे: राजीव चंद्रशेखर