भारत में एक्सट्रीम पॉवर्टी का हुआ द इंड, World Poverty Clock की आंकड़ों में दिखी सच्चाई, 3 फीसदी से कम रह गई गरीबी

Published : Mar 02, 2024, 09:46 AM ISTUpdated : Mar 02, 2024, 12:15 PM IST
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सार

भारत में अब एक्सट्रीम पॉवर्टी खत्म हो गई है। The World Poverty Clock की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक्सट्रीम पॉवर्टी 3 फीसदी से कम हो चुकी है।

भारत। भारत में अब एक्सट्रीम पॉवर्टी खत्म हो गई है। The World Poverty Clock की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक्सट्रीम पॉवर्टी 3 फीसदी से कम हो चुकी है। इसे The World Poverty Clock अपने जीवन काल की सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं में से एक बताया है। The World Poverty Clock के डेटा के मुताबिक भारत की कुल जनसंख्या 143 करोड़ से ज्यादा है। इसमें करीब 3 करोड़ 44 लाख 58 हजार 941 लोग एक्सट्रीम पॉवर्टी के कैटेगरी में है, जो कुल संख्या का मात्र 2 फीसदी ही है। 

ये आंकड़े अपने आप में सुकून देने वाला है, क्योंकि भारत जैसे विशाल देश में विविधता होने के बावजूद गरीबी रेखा में आई कमी इस बात को दर्शाती है कि देश में लगातार गरीबों की संख्या हुई है। साल 2022 में जारी वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2011 से लेकर 2019 तक गरीबों की संख्या में 12.3 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी।

 

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा गरीबी

The World Poverty Clock की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में गरीबों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा है। इसके मुताबिक कुल 3 करोड़ 44 लाख 58 हजार 941 लोग में से 3 करोड़ 25 लाख 17 हजार 579 लोग गरीब है, जो कुल गरीबों की अकेले 94 प्रतिशत है। वहीं शहरी क्षेत्रों में गरीबों की संख्या मात्रा 19 लाख 41 हजार 362 है, जो कुल गरीबों का सिर्फ 6 प्रतिशत है। वर्ल्ड बैंक के एक पॉलिसी रिसर्च वर्किंग पेपर के अनुसार साल 2011 में कांग्रेस के राज में भारत में रिकॉर्ड 22.5 फीसदी लोग अत्यंत गरीबी की श्रेणी में थे। 

हालांकि, बाद में मोदी सरकार के दौरान अत्यंत गरीबी में रिकॉर्डतोड़ गिरावट दर्ज की गई. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2011 से 2015 के बीच अत्यंत गरीबी 3.4 फीसद घटी है। साल 2011 में यह 22.5 फीसद थी, जो 2015 में 19.1 पर आ गई। इसके बाद साल 2015 से 2019 के बीच गरीबी में तेजी से गिरावट आई। इस दौरान गरीबी में 9.1 फीसद की गिरावट आई। कुल मिलाकर देखा जाए तो साल 2015 से लेकर 2019 तक लगभग अत्यंत गरीबी में 10 फीसदी की गिरावट आई।

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