World Sickle Cell Anaemia Awareness Day: भारत में सिकल सेल एनीमिया के 1.40 लाख मरीज मिले, 3.37 करोड़ लोगों की हुई जांच

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए संकल्पित भारत में काफी तेजी से काम किया जा रहा है। राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत अबतक 3.37 करोड़ लोगों में इस बीमारी की जांच हो चुकी है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 18, 2024 6:38 PM IST / Updated: Jun 19 2024, 12:09 AM IST

Sickle Cell Anaemia Elimination Mission: सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए संकल्पित भारत में काफी तेजी से काम किया जा रहा है। राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत अबतक 3.37 करोड़ लोगों में इस बीमारी की जांच हो चुकी है। करीब 1.40 लाख लोगों में इस गंभीर बीमारी को डॉयग्नोस किया गया है।

Latest Videos

पीएम मोदी ने किया था मिशन लांच

नेशनल सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन को 2023 में लांच किया गया था। इसका उद्देश्य यह था कि सिकल सेल एनीमिया की समय से पहचान कर उसके उन्मूलन की दिशा में काम करना। भारत सरकार ने लक्ष्य रखा था कि 2047 के पहले भारत में सिकल सेल एनीमिया का खात्मा कर दिया जाए। पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2023 को मध्य प्रदेश में इस मिशन को लांच किया था।

अबतक मिशन का क्या रहा प्रोग्रेस रिपोर्ट

भारत सरकार के ट्राइबल मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोग्राम में अबतक 3.37 करोड़ लोगों की सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें 3.22 करोड़ लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यानी वह इस बीमारी से ग्रसित नहीं हैं। 9.75 लाख लोगों में करियर के रूप में यह बीमारी डॉयग्नोस की गई है। जबकि 1.40 लाख लोगों में यह बीमारी पायी गई है। 3.59 लाख से अधिक लोगों की रिपोर्ट अभी पेंडिंग है।

क्या है सिकल सेल एनीमिया?

सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, नर्म और लचीली होती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं का लाल रंग उसमें रहने वाले हीमोग्लोबिन नामक तत्व के कारण होता है। हीमोग्लोबिन का आकार सामान्य के बदले असामान्य भी देखने को मिलता है। जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का बदलाव होता है तब लाल रक्त कोशिकाएं जो सामान्य रूप से आकार में गोल तथा लचीली होती हैं यह गुण परिवर्तित कर अर्ध गोलाकार एवं सख्त/कड़क हो जाता है जिसे सिकल सेल कहा जाता है। यह धमनियों में अवरोध उत्पन्न करती हैं जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी होने लगती है इसलिए इसे सिकल सेल एनीमिया कहा जाता है।

कैसे होती है सिकल सेल एनीमिया बीमारी?

सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं। इसके कारण वेसो-ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक के कारण मृत्यु की संभावना होती है। यह बीमारी दो तरह से व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। पहला सिकल सेल वाहक से यानि व्यक्ति रोग के वाहक के रूप में काम करते हैं अर्थात उनमें सिकल सेल के रोग के लक्षण स्थायी न होकर कभी-कभी दिखाई देते है। फिर भी ये व्यक्ति अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग दे सकते हैं। दूसरा प्रकार सिकल रोगी है। यह वह व्यक्ति होते है जिनमें रोग के लक्ष्ण स्थायी रूप से रहते हैं। जिससे उनके शरीर का विकास रुक जाता है और ये लोग निश्चित ही अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग देते हैं।

सिकल सेल एनीमिया बीमारी के लक्षण क्या हैं?

सिकल सेल एनीमिया के टेस्ट क्या?

सिकल सेल एनीमिया का उपचार?

फिलहाल बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही सिकल सेल बीमारी का एकमात्र मौजूदा इलाज है। यह बेहद कठिन और जोखिम भरा है और इसके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डोनर, मरीज का भाई या बहन हो ताकि बोन मैरो का मैच बेहद नजदीकी हो। फिलहाल वैज्ञानिक सिकल सेल बीमारी के इलाज के लिए जीन थेरेपी पर अध्ययन कर रहे हैं जिसके तहत डॉक्टर उस असामान्य जीन को बदलकर इस बीमारी का इलाज कर पाएंगे। पूरे विश्व में 45 लाख लोग सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त हैं, जिनमें से 80 फीसदी अफ्रीकी देशों में हैं।

यह भी पढ़ें:

Big News: असम के गृह सचिव ने की आत्महत्या, पत्नी की मौत के कुछ मिनट बाद ही सर्विस रिवाल्वर से मारी गोली

Share this article
click me!

Latest Videos

थाने में चीखती रही कैप्टन की मंगेतर और पुलिस वाले ने फाड़ दिए कपड़े, की अश्लीलता!
तीसरा महापावर बना भारत, चौड़ा हो गया 140 करोड़ भारतीयों का सीना!
एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
हॉस्टल में बलिः स्कूल को चमकाने के लिए 3 टीचरों ने छीना एक मां का लाल
IQ Test: 4 मजेदार सवाल, जानिए कितने स्मार्ट हैं आप #Shorts