World Snake Bite Awareness Day: भारत बना जहरीले सांपों का गढ़

भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे ज़्यादा है और जागरूकता के बावजूद सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। उरग विशेषज्ञ स्नेक श्याम ने बताया कि भारत में सांपों की अधिक संख्या और जागरूकता की कमी से यह समस्या बढ़ रही है।

World Snake Bite Awareness Day 2024 : भारत में सांप के काटने से मरने वालों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है, लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद केंद्र और राज्य सरकार इसे गंभीरता से लेने में पूरी तरह विफल रही है. उरग विशेषज्ञ स्नेक श्याम ने यह बात कही.

पट्टनम के ता. पं. सभागार में जिला और तालुका स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित विश्व सर्पदंश जागरूकता दिवस समारोह का उद्घाटन कर उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा कि सर्पदंश एक वैश्विक समस्या है, दुनिया के सभी देशों में अलग-अलग तरह के सांप पाए जाते हैं और उनका काटना भी आम बात है, लेकिन दुनिया में सिर्फ भारत को ही सर्पदंश का देश कहा जाता है.

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उन्होंने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में सांपों की संख्या अधिक है, इसके साथ ही जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के काटने से मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जिससे मौत का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है. यही कारण है कि पिछले छह साल से 19 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और सर्पदंश के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है.

कौन सा सांप खतरनाक है - भारत में सांपों की 300 प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन सभी खतरनाक नहीं होती हैं. देश में सांप के काटने से मरने वालों में 90% से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ 4 प्रजातियों के सांपों के काटने से होती है. उन्होंने बताया कि कोबरा, रसेल वाइपर, करैत और सॉ-स्केल्ड वाइपर सबसे खतरनाक सांप हैं. ये चार प्रजातियां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों में ज्यादा पाई जाती हैं और इनके काटने से ही सबसे ज्यादा लोग मरते हैं. इनकी गतिविधियों, खाने की आदतों आदि के बारे में जानकर और काटने से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बरतकर आसानी से बचा जा सकता है.

सावधानियां इस प्रकार हैं- किसान देश की रीढ़ हैं, इसलिए सांप के काटने से ज्यादातर किसान, मजदूर मरते हैं, रात के समय खेतों में जाते समय अनिवार्य रूप से टॉर्च लाइट और जूते का इस्तेमाल करना चाहिए और साथ ही उपयुक्त, खरपतवार, चारागाह, जंगल क्षेत्र, खेत में काम करते समय गम बूट का इस्तेमाल करना उचित है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सांप काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़कर नजदीकी अस्पताल में जाकर इलाज कराएं तो सांप काटने से पीड़ित व्यक्ति बच सकता है.

तालुका स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी. नटराजू ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 1.40 लाख लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवाते हैं, भारत में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोग मरते हैं, हमारे देश को विश्व स्वास्थ्य संगठन सांप के काटने से होने वाली मौतों की वैश्विक राजधानी कहता है. उन्होंने कहा कि के. आर. नगर और सालीग्राम तालुका के हर ग्राम पंचायत स्तर की ग्राम सभा में हमारे स्वास्थ्य विभाग के सहायक, आशा कार्यकर्ता संक्षेप में जानकारी देकर किसानों और मजदूरों में जागरूकता फैलाएंगे।

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