World Tourism Day: इस साल भारत करेगा मेजबानी, जानें टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने क्या किया खास

सार

हर साल 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड टूरिज्म डे की मेजबानी भारत करने जा रहा है। साल 1970 में इसकी शुरुआत यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (UNWTO) ने की थी। इसका मकसद पूरी दुनिया में टूरिज्म को बढ़ावा देना है। 

नई दिल्ली। वर्ल्ड टूरिज्म डे हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। खास बात है कि इस वर्ष वर्ल्ड टूरिज्म डे की मेजबानी भारत करने जा रहा है। यह मौका भारत को यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन ने दिया है। इसे मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस साल नई दिल्ली में होने वाले वर्ल्ड टूरिज्म डे की थीम है - 'टूरिज्म एंड जॉब्स : ए बेटर फ्यूचर फॉर ऑल'। बता दें कि वर्ल्ड टूरिज्म डे की शुरुआत साल 1970 में यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (UNWTO) ने की थी। इसका मकसद पूरी दुनिया के पैमाने पर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। वर्ल्ड टूरिज्म डे को होस्ट करने के लिए यूनाइडेट नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन की जनरल असेंबली हर साल एक देश का चुनाव करती है। भारत बहुत पहले से ही दुनिया भर के टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल करीब एक करोड़ विदेशी पर्यटक आते हैं। इसके अलावा, करोड़ों की संख्या में घरेलू पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों में घूमने जाते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद् के अनुसार साल 2017 के बाद से पर्यटन में काफी वृद्धि हुई और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में यह दुनिया के बड़े देशों में शामिल हो जाएगा। भारत में यूरोपीय देशों से पर्यटक तो आते ही हैं, यहां एशियाई देशों से भी काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। 

मोदी सरकार के आने के बाद बढ़ी है पर्यटकों की संख्या
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के आने के बाद भारत में यूरोप-अमेरिका के अलावा एशियाई देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में देश में 1.01 करोड़ पर्यटक आए और इसके बाद इनकी संख्या में और भी वृद्धि दर्ज की गई। 

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देश की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का योगदान बढ़ा
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2013 में जीडीपी में टूरिज्म इंडस्ट्री का योगदान महज 6.7 प्रतिशत था, जो साल 2017 में बढ़ कर 9.4 प्रतिशत हो गया। इसके पीछे मोदी सरकार की देश में टूरिज्म को बढ़ावा देने की नीतियां रही हैं। सरकार ने देश को टूरिज्म का हब बनाने की घोषणा की है और टूरिस्ट्स के लिए हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही है। साथ ही, उनकी सुरक्षा को लेकर बेहतरीन प्रबंध भी किए। इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि पहले टूरिज्म में जो ठहराव आ गया था, वह अब खत्म हो गया है और आने वाले दिनों में टूरिज्म और भी बढ़ेगा।

देश में टूरिज्म के विकास की बढ़ी संभावनाएं
भारत एक ऐसा देश है, जहां टूरिज्म के विकास की बहुत ज्यादा संभवानाएं हैं। यहां का हर राज्य टूरिज्म की दृष्टि से खास है। जरूरत है, पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया कराने की और सुरक्षा को लेकर उनमें विश्वास पैदा करने की, ताकि वे भारत की यात्रा करने में नहीं हिचकिचाएं। टूरिस्ट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकार की टूरिज्म को बढ़ावा देने की नातियां सफल रही हैं। मोदी सरकार का मानना है कि टूरिज्म के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभवानाएं हैं।

टूरिज्म को बढ़ाव देने के लिए मोदी सरकार ने क्या खास कदम उठाए
मोदी सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जो कुछ खास कदम उठाए, उनमें प्रमुख है टूरिस्ट वीजा की अवधि को एक साल से बढ़ा कर 5 साल करना। इसके अलावा टूरिस्ट प्लेसेस पर विदेशी भाषाओं में भी जानकारियां देने की व्यवस्था की गई। वीजा शुल्क में भी पहले की अपेक्षा कमी की गई। पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण किया गया और वहां सुविधाएं बढ़ाई गईं। कुछ नए टूरिस्ट स्पॉट्स भी विकसित किए गए, जिनमें प्रमुख है सरदार पटेल का स्टैचू। इसके अलावा भी सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजनाओं पर काम कर रही है।   

 

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