Exclusive: देश के युवाओं के लिए 7 साल बाद रेसलिंग की दुनिया में लौटे संग्राम सिंह, पढ़ें 4 फिटनेस मंत्र और जोश भर देने वाली बातें...

इंटरनेशनल रेसलर और एक्टर संग्राम सिंह दुबई प्रो-रेसलिंग चैंपियनशिप से कमबैक कर रहे हैं। 24 फरवरी को पाकिस्तान के रेसलर मोहम्मद सईद से उनका मुकाबला होना है। Asianet News के साथ बातचीत में संग्राम सिंह ने रेसलिंग से जुड़ी कई बातें शेयर कीं। 

Ganesh Mishra | Published : Feb 20, 2024 11:56 AM IST / Updated: Feb 20 2024, 05:57 PM IST

Wrestler Sangram Singh Exclusive Interview: अंतरराष्ट्रीय पहलवान और अभिनेता संग्राम सिंह का मैच 24 फरवरी को पाकिस्तान के रेसलर मोहम्मद सईद के साथ होगा। दोनों के बीच ये कड़ा मुकाबला दुबई के शबाब-अल-अहली स्टेडियम में होगा। बता दें कि संग्राम सिंह लंबे अरसे बाद दुबई प्रो-रेसलिंग चैंपियनशिप से रेसलिंग की दुनिया में कमबैक कर रहे हैं। मैच से ठीक पहले एशियानेट न्यूज हिंदी (Asianet News Hindi) ने भारतीय रेसलर संग्राम सिंह से उनके रेसलिंग सफर को लेकर चर्चा की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल- 24 फरवरी को भारत और आपके लिए एक बड़ा मैच है। इसके लिए आपकी क्या तैयारी है?

जवाब- मैं 7 साल बाद वापसी कर रहा हूं, जबकि पाकिस्तानी रेसलर मोहम्मद सईद अभी अपने देश के लिए एमैच्योर रेसलिंग कर रहा है, जिसकी उम्र 22-23 साल है। मैच के लिए मैंने अपनी तरफ से पूरी तैयारी की है, बाकी सब तो परमात्मा के हाथों में है। मेरा मानना है कि मैच अच्छा होना चाहिए। मैच के बाद कुछ लोग मुझे ट्रोल भी कर सकते हैं, लेकिन मेरा मकसद एक ही है कि इससे लाखों-करोड़ों बच्चे इंस्पायर होंगे कि जब मैं 40 साल की उम्र में खेल सकता हूं तो वो लोग भी अपनी जिंदगी में कुछ कर सकते हैं। बाकी मैच की तैयारी के लिए मैंने अपना वजन 2-3 किलो बढ़ाया है, क्योंकि ये ओलिंपिक स्टाइल रेसलिंग है। ओलिंपिक में 3-3 मिनट के दो राउंड होंगे, जबकि इसमें 3-3 मिनट के 6 राउंड होंगे।

सवाल- 7 साल बाद आपको ऐसा क्यों लगा कि अब दोबारा रिंग में उतरना है?

जवाब- जी, पहले मैं अपने देश के लिए 96 Kg वेट कैटेगरी में मैच्योर रेसलिंग करता था। फिर बीच में मैंने WWE और प्रोफेशनल रेसलिंग भी की। पहले स्पोर्ट्स में पैसे नहीं होते थे। बस ये लगता था कि हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे तो नौकरी मिल जाएगी। कोई टारगेट नहीं होता था कि मेडल जीतें। जैसे अभी काफी पैसा है। पिछले दो साल से रेसलिंग काफी चर्चा में है, लेकिन अलग कारणों से। मुझे याद है जब सुशील ने 2008 में पहला मेडल जीता था तो उससे मॉर्डर्न रेसलिंग को पहचान मिली। वहीं, मैं पहला रेसलर था, जिसने अलग-अलग TV शोज जैसे बिग बॉस वगैरह में काम किया और इसे अखाड़े से 5 स्टार तक ले गया। अभी रेसलिंग में काफी ऐसी घटनाएं हुईं, जिसके बाद लोग अपने बच्चों को रेसलिंग से दूर ले जा रहे हैं। उनका मानना है कि ये बहुत कॉन्ट्रोवर्शियल खेल है। मैं इसलिए रेसलिंग में कमबैक कर रहा हूं कि ये एक जेंटलमेन गेम है और ये हमारी परंपरा है। 

सवाल- युवाओं के मन में रेसलिंग को लेकर एक हताशा है। क्या इस मैच के बाद यूथ को प्रेरणा मिलेगी?

जवाब- रेसलिंग की दुनिया में वापसी करने का मेरा मकसद ही यही है कि यूथ इससे इंस्पायर्ड हो। मैं वर्ल्ड प्रोफेशनल रेसलिंग हब (WPWH) से जुड़ा था, तो मैंने उन्हें सजेस किया कि आप 3-4 मैच बाहर करो और फिर भारत में आओ। मेरा विजन था कि हर सप्ताह रेसलिंग होनी चाहिए। वो 5 स्टार में हो, अखाड़े में हो, क्लब में हो, गली में हो या मोहल्ले में हो। मैं चाहता हूं कि बाहर के रेसलर के साथ अपने यहां के यंग बच्चों को मौका मिले। हमारे यहां से जब कोई टीम बाहर जाती है, तो उसमें सिर्फ 7-8 रेसलर ही जा सकते हैं, जबकि देश में करोड़ों लड़के-लड़कियां रेसलिंग कर रहे हैं। कोई बच्चा गांव में है और वो बाहर के रेसलर संग खेले तो उसका नाम होने के साथ ही करियर भी बनेगा। इससे पहले वर्ल्ड प्रोफेशनल रेसलिंग हब ने वाराणसी, हैदराबाद, फरीदाबाद में रेसलिंग आयोजित की। अब दुबई में होनेवाली चैंपियनशिप में दुनियाभर के रेसलर आ रहे हैं। इसमें मेरे खेलने का एक मकसद ये भी है कि बच्चे ये न सोचें कि उन्हें तेंडुलकर, कोहली ही बनना है। मैं चाहता हूं वो रेसलर बनें। यूथ रेसलिंग चुने और उसे सही प्लेटफॉर्म मिले। 

सवाल- पहले आप इंटरनेशनल रेसलर थे, अब सीधे प्रोफेशनल रेसलिंग में आ गए हैं। इन दोनों में क्या अंतर है?

जवाब - मैं पहले भी रेसलिंग करता था। अब प्रो में आ गया हूं। इसमें भी ओलिंपिक वाले रूल्स और स्टाइल है। बस इसमें ज्यादा स्टेमिना, ज्यादा ताकत है। प्रो-रेसलिंग में ओलिंपिक मैच से ज्यादा राउंड होंगे। इसमें ज्यादा राउंड रखने का मकसद ये है, ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक इसे देखें और समझें। मैं सोशल मीडिया पर नॉन-क्रिकेटर्स में सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला सेलेब्रिटी हूं। मेरा मानना है कि हमें सोशल मीडिया का सदुपयोग करना चाहिए। जैसे हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फिट इंडिया, खेलो इंडिया मूवमेंट चलाया है। 

सवाल- भारत में प्रोफेशनल रेसलिंग का फ्यूचर क्या है। आप जो कुछ इसके लिए कर रहे हैं, उसे और कैसे प्रमोट करेंगे?

जवाब- जब प्रोफेशनल बॉक्सिंग शुरू हुई थी तो सब कहते थे बॉक्सिंग का कोई फ्यूचर नहीं है। लेकिन बाद में लोग ओलिंपिक छोड़कर प्रोफेशनल बॉक्सिंग में आ गए। अगर हर काम को अच्छे तरीके से किया जाए तो फ्यूचर हर चीज का है। इंटेशन सही होना चाहिए। मेरा मकसद यही है कि जो बच्चे 25 से 28 साल में रेसलिंग छोड़ देते हैं, वो ज्यादा से ज्यादा आगे आएं। अब चूंकि आजकल मैं टीवी-फिल्में कर रहा हूं तो इससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे कनेक्ट करेंगे। अभी सरकार का फिट इंडिया मूवमेंट हमारे साथ एसोसिएशन में है। दुबई का स्पोर्ट्स काउंसिल एसोसिएशन में है। मैच का प्रसारण एक बड़े चैनल पर होगा। इसके अलावा एक FM चैनल इसकी कमेंट्री कर रहा है। तो मैं ये नहीं कह सकता कि इसे कौन-कैसे प्रमोट कर रहा है, लेकिन हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। 

सवाल- आपकी उम्र 40 साल है, फिर भी आप इतने फिट हैं। इतनी उम्र में भी खुद को इतना फिट कैसे रखते हैं। आपका डेली रुटीन क्या है? देश के युवा आपकी फिटनेस देखकर कैसे इंस्पायर्ड होंगे?

जवाब- मैं प्योर वेजिटेरियन हूं और दो ही काम करता हूं। या तो वर्क या वर्कआउट। मैं जिस दिन एक्सरसाइज नहीं करता, उस दिन खाना नहीं खाता। योगा और प्राणायाम भी करता हूं। मेरा मानना है अगर आप हर रोज वर्कआउट करेंगे, सिंपल खान-पान रखेंगे तो आप फिट रह सकते हैं। आप सबको फिटनेस के लिए मैं यही मंत्र दूंगा कि खाना भूख से कम, पानी डबल, वर्कआउट ट्रिपल और हंसना चार गुना रखें। आप हो गए फिट। हम कितना ही प्रोटीन-विटामिन खा लें लेकिन खुश नहीं हैं तो इनका कोई फायदा नहीं। जो खुश है, वही कामयाब है। अगर आप प्याज के साथ सूखी रोटी भी खाते हैं, लेकिन खुश हैं तो उससे ज्यादा प्रोटीन, विटामिन कहीं मिलेगा ही नहीं।

सवाल- संग्राम सिंह डाइट में क्या लेते हैं? वेजिटेरियन हैं तो सुबह-शाम ऐसा क्या खाते हैं जो उनकी फिटनेस में झलकता है?

जवाब- मेरी सुबह गायत्री मंत्र से होती है और रात को जब सोने जाता हूं तो हनुमान चालीसा पढ़ता हूं। डाइट में सुबह तो मैं फल या जूस पीता हूं। ड्राई फ्रूट खाता हूं। दोपहर में दाल, सब्जी, दही या छाछ, सलाद और रोटी लेता हूं। इसके अलावा गाय का देसी घी खाता हूं। शाम को कभी सूप, दलिया या खिचड़ी खाता हूं। रात को सोते समय गुड़ के साथ दूध पीता हूं। तीन-चार मंजिल सीढ़ियों से चढ़ता हूं, कभी लिफ्ट यूज नहीं करता। हर दिन दो से तीन घंटे वर्कआउट करता हूं। मैं 6 घंटे सोता हूं। कोशिश करता हूं कि सूर्य निकलने से पहले बिस्तर छोड़ दूं। हमारा शरीर नेचर के हिसाब से चलता है।

सवाल- देश का यूथ जो रेसलिंग में जाना चाहता है, उनके लिए डाइट का सिस्टम क्या होना चाहिए। क्या करना है, क्या नहीं?

जवाब- मैं यही कहूंगा कि हमारी हार वो नहीं है कि दुनिया हमें नहीं पहचानती, हमारी हार तो वो है कि हम खुद को नहीं पहचानते। अपने आप पर विश्वास करो। इसके अलावा पेरेंट्स को भी बच्चों पर अपने सपने लादने से बचना है। उनको वैल्यू दो। देश को सरकार नहीं, संस्कार चलाते हैं। जिसका जो सपना है, उसे वो करने से मत रोको। सबसे बड़ा मंत्र यही है कि रिजेक्शन ही मोटिवेशन है। मैं हर जगह जाता हूं, रिजेक्ट करते हैं। जो मेरा रिजेक्शन है, उसे ही मैं मोटिवेशन बनाता हूं।

सवाल - जब आप रिजेक्ट होते थे, तो कभी निराशा नहीं हुई। आप खुद को कैसे मोटिवेट करते थे?

जवाब- सफलता-असफलता मायने नहीं रखती, प्रॉसेस का मजा लो। जो होना है वो हो, लेकिन हमें अपनी तरफ से बेस्ट करना है बस। हमारे मन में ये नहीं होना चाहिए कि मैं ऐसा करता तो वैसा हो जाता। अभी मैंने एक फिल्म की है, जो जल्द रिलीज होगी। मेरे मित्र और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा- संग्राम जी आपको यहां के यूथ के लिए कुछ करना चाहिए। यूथ नशे की तरफ भाग रहा है, गैंगस्टर वाली फिल्में देख रहा है। तो मैंने जो फिल्म की है वो युवाओं को बुराई से दूर रखने के लिए प्रेरित करेगी।

सवाल- आपकी फिल्म का नाम क्या है और कब रिलीज होगी?

जवाब- फिल्म का नाम 'उड़ान जिंदगी की' है। ये मार्च,2024 में ओटीटी पर रिलीज होगी। इसमें दंगल, सुल्तान वाली फीलिंग आएगी। मूवी की शूटिंग भी हरियाणा में ही हुई है।

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