यूपी के गाजियाबाद में एक मरीज में मिला पहला येलो फंगस, जानिए ब्लैक या व्हाइट फंगस से कितना अलग है यह

कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। यह कई मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : May 24, 2021 2:01 PM IST

गाजियाबाद। कोरोना के बाद अन्य संक्रमणों से लोग परेशान हैं। ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस मिलने से मरीजों में दहशत है। यूपी के गाजियाबाद में पहला मामला येलो फंगस का सामने आया है। गाजियाबाद के एक मरीज में येलो फंगस की पुष्टि हुई है। 

येलो फंगस के यह हैं लक्षण

मरीज में सुस्ती या आलस, तेजी से वेट घटना, भूख कम लगना या बिल्कुल ही भूख न लगना। इसके अलावा गंभीर मरीजों में पस आना। 

ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले अभी तक

कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। यह कई मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हुआ है। भारत में करीब 9000 ब्लैक फंगस केस सामने आ चुके हैं। कई राज्यों ने इसको महामारी घोषित कर दिया है। गुजरात में ब्लैक फंगस के 2281 मामले सामने आए और यहां यह सबसे अधिक घातक साबित हो रहा है। आंध्र प्रदेश में 910 तो हरियाणा में 250 और दिल्ली में 197 ब्लैक फंगस के केस मिले हैं। 

लो इम्यूनिटी वाले म्यूकोर्मिकोसिस के हो रहे शिकार

एम्स डायरेक्टर गुलेरिया ने बताया कि जिन लोगों की इम्यूनिटी बेहद कम है वही लोग म्यूकोर्मिकोसिस, कैंडिडा, एस्पोरोजीनस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। यह फंगस मुख्यतः साइनस, नाक, आंख के आसपास हड्डियों में पाई जाती है और ब्रेन में एंटर करती हैं। कभी कभार ही यह लंग्स या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में पाई जाती है। 

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