जगन की तिरुपति यात्रा पर क्यों लगी रोक? क्या है लड्डू विवाद का सच?

ईसाई होने के कारण जगनमोहन रेड्डी की तिरुपति यात्रा विवादों में घिरी, टीडीपी और भाजपा ने धर्म की घोषणा करने की मांग की। लड्डू में जानवरों की चर्बी के आरोपों के बीच जगन ने यात्रा रद्द की।

rohan salodkar | Published : Sep 28, 2024 4:32 AM IST / Updated: Sep 28 2024, 10:03 AM IST

अमरावती: 'लड्डू में जानवरों की चर्बी' विवाद के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा किए गए पापों की तपस्या के तौर पर तिरुपति तिरुमाला देवस्थान जाने की घोषणा करने वाले वाईएस जगनमोहन रेड्डी शनिवार को तिरुपति जाने वाले थे। लेकिन, शुक्रवार को प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि तिरुपति तिरुमाला देवस्थान (टीटीडी) बोर्ड ने उनकी यात्रा को अनुमति नहीं दी है। इस बारे में मुझे नोटिस दिया गया है। मेरा जटा भागी नहीं होना चाहिए, ऐसा कहकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी नोटिस दिया गया है। इसलिए मैंने तिरुमाला देवस्थान की यात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। 

जगन की तिरुपति देवस्थान यात्रा विवाद का विषय बन गई थी। जगन के ईसाई होने के कारण, भाजपा और टीडीपी ने उन पर दबाव बनाया था कि उन्हें मंदिर जाने से पहले वहाँ लागू विदेशियों और अन्य धर्मों के लोगों के नियमों के अनुसार 'मैं तिरुपति का भक्त हूँ' ऐसा घोषित करना चाहिए। जगन के कार्यकाल में लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के आरोप के कारण भी उनकी यह यात्रा विवादों में घिरी थी।

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ईसाई होते हुए भी मैं सर्वधर्म समभाव का पालन करता हूँ: 
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए जगन ने कहा, 'मेरे धर्म के विषय में अनावश्यक बातें की जा रही हैं। मेरा धर्म क्या है, यह पूरे देश को पता है। मैं 4 दीवारी के भीतर बाइबिल पढ़ता हूँ, हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई सभी धर्मों का सम्मान करता हूँ। जब मैं सत्ता में था, तब कई बार तिरुमाला जाकर पूजा-अर्चना की थी। रेशमी वस्त्र भी भेंट किए थे। अब मेरी यात्रा रोकने के लिए ही धर्म का मुद्दा उठाया जा रहा है। लड्डू मामले में अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।' 

'मेरे कार्यकाल में लड्डू में कोई मिलावट नहीं हुई थी, घटिया किस्म के घी को अस्वीकार कर दिया गया था। लेकिन 100 दिनों के शासन में नायडू असफल रहे हैं और इसे छुपाने के लिए मुझ पर लड्डू घोटाले का आरोप लगा रहे हैं'। 'बाहरी राज्य के लोग आकर राज्य में अशांति फैला रहे हैं। तिरुमाला में हजारों पुलिसकर्मी तैनात करके भय का माहौल बनाया जा रहा है', ऐसा आरोप भी जगन ने लगाया।

जगन को चंद्रबाबू की चुनौती
तिरुपति देवस्थान और अन्य मंदिरों में प्रवेश न करने के संबंध में टीडीपी सरकार द्वारा उन्हें और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नोटिस दिए जाने के पूर्व सीएम जगन के आरोप को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खारिज कर दिया है। नायडू ने चुनौती देते हुए कहा है कि अगर किसी ने ऐसा कोई नोटिस दिया है तो उसे दिखाया जाए। 

जगन द्वारा शनिवार को अपनी तिरुपति देवस्थान यात्रा रद्द करने की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने कहा, 'सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों को परंपराओं का पालन करना चाहिए और जो करना चाहिए, वही करना चाहिए। हर धर्म की अपनी परंपराएँ होती हैं। अगर आप वहाँ प्रार्थना के लिए जाते हैं तो वहाँ की परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। आस्था और परंपरा से बढ़कर कोई नहीं होता। किसी को भी भक्तों की आस्था और देवता की परंपराओं का अपमान नहीं करना चाहिए। आपको इन दोनों का अपमान करने वाला कोई भी काम नहीं करना चाहिए', ऐसा तंज कसते हुए नायडू ने कहा।

 

तिरुपति तिरुमाला देवस्थान की परंपरा के अनुसार, वहाँ आने वाले गैर-हिन्दू लोगों को अपने धर्म की घोषणा करना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर भाजपा ने चुनौती दी थी कि जगन को मंदिर जाने से पहले अपने धर्म की घोषणा करनी चाहिए। कहा जा रहा है कि इसी घोषणा के डर से नायडू यात्रा से बच रहे हैं, ऐसा कहकर नायडू ने जगन पर तंज कसा है। जगन ईसाई धर्म का पालन करते हैं।

एसआईटी गठन
तिरुमाला देवस्थान के लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के विवाद की जाँच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने 9 अधिकारियों की एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया है। गुंटूर के पुलिस महानिरीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी इसके प्रमुख होंगे। लड्डू विवाद ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था और श्रद्धालुओं ने रोष व्यक्त किया था। 22 सितंबर को आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि तिरुपति की पवित्रता बनाए रखने के लिए एसआईटी जाँच करेगी। उसी के तहत अब एसआईटी का गठन किया गया है।

पुरी, अयोध्या प्रसाद के घी की जाँच 
पुरी जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद और उसमें इस्तेमाल होने वाले घी की जाँच कराने का फैसला ओडिशा सरकार ने लिया है। इसके अलावा अयोध्या के राम मंदिर में बांटे जाने वाले 'इलायची दाना' (इलायची प्रसाद) की भी जाँच कराने का फैसला लिया गया है। एक श्रद्धालु ने इसकी शिकायत की थी। इसी के बाद यह कदम उठाया गया है। हालाँकि प्रसाद को लेकर अब तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।

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