All England Badminton Championships: लक्ष्य सेन ने हार के कारणों का किया बेबाकी से खुलासा

लक्ष्य सेन 21 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद केवल दो भारतीय हैं जिन्होंने ऑल इंग्लैंड का खिताब जीता है। 2001 के बाद से कोई भी भारतीय यह प्रतिष्ठित खिताब नहीं जीत सका है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2022 4:36 AM IST


स्पोर्ट्स डेस्क: ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप (All England Badminton Championships) के पुरुष एकल फाइनल मुकाबले में युवा भारतीय स्टार लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) को हार का सामना करना पड़ा। लक्ष्य को फाइनल मुकाबले में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन (Viktor Axelsen) के खिलाफ सीधे सेटों में 21-10, 21-15 से हार झेलनी पड़ी। दोनों के बीच यह खिताबी मुकाबला पूरे 53 मिनट तक चला। लक्ष्य सेन 21 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने। 

इस प्रतिष्ठित मुकाबले में हार के बाद लक्ष्य ने बेबाकी से अपनी हार स्वीकार की और विरोधी खिलाड़ी की दिल खोलकर तारीफ भी की। लक्ष्य ने अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट विक्टर एक्सेलसन के बारे में कहा, "वह मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण थे। उन्होंने पूरे मैच के दौरान अच्छा डिफेंस भी किया और साथ-साथ कई जगह अटैक भी किया। वे वास्तव में बहुच अच्छा खेले।" 

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मैंने बहुत सारी गलतियां कीं

लक्ष्य सेन ने खेल के दौरान अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा, "पहले गेम की शुरुआत में मैंने बहुत सारी गलतियां कीं। इस वजह से मुझे पहला गेम गंवाना पड़ा। मैच से पहले बहुत दबाव था। लेकिन एक बार जब मैंने मैदान में प्रवेश किया, तो पाया कि यह सिर्फ एक और मैच था।" 

हार-जीत खेल का हिस्सा 

लक्ष्य सेन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "मुझे लगता है कि मैं अच्छा बैडमिंटन खेल रहा हूं। इससे मुझे बहुत आत्मविश्वास भी मिलता है। एक हार या जीत से आपका भविष्य तय नहीं होता। हार-जीत खेल का हिस्सा है और यह हमेशा साथ-साथ चलता है।"

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दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन ने लक्ष्य से खिलाफ फाइनल मुकाबले में गजब का प्रदर्शन किया। 28 साल के विक्टर ने अपने अनुभव का पूरा उपयोग करत हुए 20 साल के लक्ष्य को इस बड़े मुकाबले में खुलकर खेलने का एक भी मौका नहीं दिया। इस दबाव के चलते लक्ष्य टूट गए विक्टर विजयी रहे। 

21 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी 

लक्ष्य सेन 21 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद केवल दो भारतीय हैं जिन्होंने ऑल इंग्लैंड का खिताब जीता है। 2001 के बाद से कोई भी भारतीय यह प्रतिष्ठित खिताब नहीं जीत सका है। 

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