
Bindyarani Devi. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग सिल्वर मेडल विजेता बिंदियारानी की आइडल मीराबाई चानू हैं। बिंदियारानी देवी कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन पदक जीतने वाली चौथी भारतीय वेटलिफ्टर हैं। 55 किलो भार वर्ग में 23 वर्षीय बिंदियारानी ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा है। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 116 किलो भार उठाया और कुल 202 किलो वजन के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड भी बनाया।
कौन हैं बिंदियारानी
बिंदियारानी मणिपुर की रहने वाली हैं और वे मीराबाई चानू को ही अपना आइडल मानती हैं। 1999 में पैदा हुईं बिंदियारानी ने 2021 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर आगाज किया। टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने टेस्ट इवेंट चैंपियन को हराया लेकिन उस सीजन में कुछ कमाल नहीं कर पाईं। बिंदियारानी भी बेहद गरीब परिवार से आती हैं लेकिन वेट लिफ्टिंग में उनके हौंसले बुलंद हैं। बिंदियारानी कहती हैं कि उनके पास जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे, तब मीराबाई चानू ने उन्हें लिफ्टिंग शूज गिफ्ट किए थे। अब वे उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए पदक भी जीत रही हैं।
चैंपियन ने मांगी थी नौकरी
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली बिंदियारानी ने जब विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, तब भी उन्हें नौकरी नहीं मिली। तब बिंदिया ने कहा था कि मैं किसी अमीर परिवार से नहीं आती, इसलिए नौकरी पाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। परिवार को भी इसकी सख्त जरूरत है। बिंदियारानी का सपना है कि वे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतें। बिंदियारानी के सिल्वर जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है।
बिंदियारानी ने क्या कहा
कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीतने वाली बिंदियारानी ने कहा कि यह मेरा पहला राष्ट्रमंडल खेल है। मैं रजत पदक जीतने और खेल में रिकॉर्ड को लेकर बहुत खुश हूं। कहा कि 2008 से 2012 तक ताइक्वांडो में थी। उसके बाद मैं भारोत्तोलन में शिफ्ट हो गई। मुझे हाइट की समस्या थी इसलिए मुझे शिफ्ट होना पड़ा। सभी ने बताया कि मेरी ऊंचाई भारोत्तोलन के लिए सही है आदर्श है इसलिए हमने बदलाव किया।
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