कांस्य जीतकर चमका बनारस का लाल, कभी पैदल जाता था प्रैक्टिस करने-अब बुलंदियों पर है सितारा

Published : Aug 02, 2022, 02:43 PM ISTUpdated : Aug 02, 2022, 06:12 PM IST
कांस्य जीतकर चमका बनारस का लाल, कभी पैदल जाता था प्रैक्टिस करने-अब बुलंदियों पर है सितारा

सार

बर्मिंघम शहर में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) में यूपी में बनारस के रहने वाले विजय यादव ने कांस्य पदक जीता है। विजय ने कांस्य जीतकर गुरू-शिष्य परंपरा को जीवंत कर दिया है। 

Commonwealth Games. बर्मिंघम में चल रहे 18वें कॉमनवेल्थ गेम्स में विजय यादव ने कांस्य पदक जीता है। 60 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रान्ज जीतने वाले विजय यादव मूलरूप से बनारस के रहने वाले हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं। बर्मिंघम में पदक जीतने के बाद विजय यादव ने यह पदक अपने गुरू को समर्पित किया। वहीं गुरू ने आगे बढ़कर शिष्य का समर्पण स्वीकार किया और ओलंपिक में मेडल जीतने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया। विजय यादव एक ऐसे इलाके से आते हैं, जहां आज गुरू-शिष्य परंपरा के कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। विजय की यह जीत और इसके बाद गुरू को समर्पण करना, उसी समृद्ध परंपरा का हिस्सा है।

कौन हैं विजय यादव
मूलरूप से यूपी के वाराणसी जिले के रहने वाले विजय यादव गोरखपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध गुरूकुल पीजी कॉलेज ददरी में एमए लास्ट ईयर के छात्र हैं। 2009 में विजय यादव गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षक प्रो. विजय चहल और कोच काशी के संपर्क में आए। दोनों के मार्गदर्शन में रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में जूडो की प्रैक्टिस शुरू कर दी। विजय सामान्य से ज्यादा प्रैक्टिस करने वाले प्लेयर हैं। इनाम की राशि भी वे अपनी प्रैक्टिस पर ही खर्च करते हैं। सरकार से मिले आर्थिक मदद के दम पर विजय ने जापान, स्पेन, क्रोएशिया व बुडापेस्ट में जाकर ट्रेनिंग ली है।

परिवार में बिखरी खुशियां
विजय की जीत से उत्साहित विजय की मां चिंता देवी ने कहा कि बहुत खुशी हो रही है। मेरा बेटा बचपन से ही बहुत मेहनत करता आया है। पिता ने कहा कि विजय बहुत मेहनती है। उसकी जीत से हम सभी खुश हैं। विजय नेशनल लेवल पर 4 गोल्ड और एशियन लेवल पर 2 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। विजय के पिता ने कहा कि प्रैक्टिस करने के लिए जाने वास्ते हमारे पास साइकिल तक नहीं थी तब भी विजय पैदल ही प्रैक्टिस करने जाता था। परिवार वाले इस बात से खुश हैं कि विजय ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है।

यह भी पढ़ें

कभी घास काटते थे जो हाथ आज कर रहे लोगों का अभिवादन, कांस्य जीतने वाली हरजिंदर की कहानी दिल को छू लेगी...
 

PREV

Recommended Stories

देश के वो 5 सबसे अमीर एथलीट...जिनकी कमाई देख पकड़ लेंगे सिर, लिस्ट में 3 महिला शामिल
3 साल की उम्र में बच्चे ढंग से नहीं लिख पाते ABC, ये धुरंधर बना शतरंज का सूरमा