92 साल में 1st TIME इस खेल में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दिलाया गोल्ड, जानें कौन हैं इतिहास रचने वाली महिलाएं

Published : Aug 03, 2022, 08:34 AM ISTUpdated : Aug 03, 2022, 09:39 AM IST
92 साल में 1st TIME इस खेल में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दिलाया गोल्ड, जानें कौन हैं इतिहास रचने वाली महिलाएं

सार

कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय लॉन बॉल वुमेन टीम इवेंट में भारत को गोल्ड मिला है। 1930 के बाद से यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने इतना बड़ा कारनामा कर दिखाया है।

Commonwealth Games. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) ने भारत मेडल तो जीते ही हैं, साथ 92 साल में पहली बार लॉन बॉल टीम इवेंट में गोल्ड जीतकर नया इतिहास लिखा है। भारतीय महिला लॉन बॉल टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स में यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। महिलाओं ने जीत के बाद जब पोडियम पर गोल्ड मेडल गले में डाला तो उनके चेहरों पर उभरी खुशी 130 करोड़ भारतीयों की मुस्कान बिखेर रही थी। यह ऐसा कारनामा है, जिसे हासिल करने में 92 साल का लंबा वक्त जरूर लगा लेकिन गोल्ड के साथ इसकी अहमियत कई गुना और बढ़ गई।

पहले किया बड़ा उलटफेर
कॉमनवेल्थ लॉन बॉल में भारत पहली बार कोई मेडल जीता है। भारत ने फाइनल में पहुंचने से पहले जब बड़ा उलटफेर किया तभी लगा कि यह टीम इतिहास रचेगी। दरअसल, न्यूजीलैंड ने अभी तक लॉन बॉल इवेंट में 40 मेडल जीते हैं। लेकिन भारत ने उसी न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में कड़ी टक्कर दी और 16-13 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह पहला मौका था जब भारतीय टीम कॉमनवेल्थ के फाइनल में पहुंची थी। फाइनल मुकाबल भी काफी टफ था। सामने दक्षिण अफ्रीका की तेज तर्रार टीम थी। भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को फाइनल मुकाबले में 17-10 से हरा दिया और गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। 

जानें कौन हैं इतिहास बनाने वाली ये महिलाएं

  • रूपा रानी- झारखंड सरकार के खेल विभाग में अधिकारी हैं।
  • लवली चौबे- झारखंड के पुलिस अधिकारी हैं।
  • पिंकी- नई दिल्ली में एक स्कूल टीचर हैं।
  • नयन मोनी- सम के गोलाघाटी में रहने गृहिणी हैं।

कैसे तोड़ा 92 साल का रिकॉर्ड
कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार 1930 में लॉन बॉल गेम्स को शामिल किया गया। हालांकि भारतीय टीम 2010 से पहली बार लॉन बॉल प्रतियोगिता में शामिल हुई थी। लेकिन उसके बाद भी 2014 व 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत कोई पदक नहीं जीत पाया। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में 92 साल बाद यह पहला मौका है, जब भारत ने कोई मेडल ही नहीं जीता बल्कि सीधे गोल्ड पर कब्जा जमाया है। हालांकि यह मैच जीतना काफी मुश्किल था। एक समय पर साउथ अफ्रीका की टीम ने 10-10 की बराबरी कर ली थी और मैच किसी भी समय पलट सकता था। भारतीय टीम ने संयम दिखाया और अफ्रीकी टीम पर बढ़त बना ली। इसके बाद भारत ने गेम को अपने पक्ष में कर लिया और मुकाबला 17-10 से जीत लिया।

क्या है लॉन बॉल इवेंट
लॉन बॉल स्पोर्ट में प्रयोग की जाने वाली बॉल का वजन 1.5 किलोग्राम होता है। यह एक तरफ से भारी होता है ताकि प्लेयर्स इस कर्ल घुमा सकें। यह आउटडोर स्पोर्ट्स है। कटोरे जिसे लॉन बॉल भी कहते हैं, इसका आकार कटोरे की तरह होता है। इसे एक छोटी स्थिर गेंद से घुमाया जाता है, जिसे जैक कहते हैं। जैक का दूसरा नाम टार्गेट भी है। जैक का डायमीटर 63 से 67 मिलीमीटर होता है। बड़ी बॉल का डायमीटर 112 से 134 मिलीमीटर होता है। खिलाड़ियों को अलग-अलग रंग के बॉल को 23 मीटर की दूरी से जैक यानी लक्ष्य के पाल पहुंचाना होता है। जिसका लक्ष्य जितना सटीक उतने अंक मिलते हैं। यह सिंगल, डबल, ट्रिपल और टीम इवेंट के फार्मेट में खेला जाता है। यह कभी एक सीध में नहीं घूमती है। लॉन बॉल प्राचीन मिश्र का खेल है, जो यूरोपीय देशों में काफी प्रचलित है।

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