अपने पहले फाइनल में पहुंचने के लिए मलेशिया के गत चैंपियन ली ज़ी जिया को हरा दिया। 21 साल बाद कोई भारतीय इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा है।
नई दिल्ली। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। शनिवार को ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप (All England Open Badminton Championship) के फाइनल में वह पहुंच गए। अपने पहले फाइनल में पहुंचने के लिए मलेशिया (Malaysia) के गत चैंपियन ली ज़ी जिया (Lee Zii Jia) को हरा दिया। 21 साल बाद कोई भारतीय इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा है। भारतीय खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने तीन गेम तक चले इस मुकाबले को एक घंटे और 16 मिनट में अपने नाम किया।
तीन ही गेम में मुकाबला जीत लिया
20 वर्षीय सेन ने सेमीफाइनल में पिछले चैंपियन मलेशियाई प्लेयर ली को तीन गेम में हराकर फाइनल में प्रवेश किया है। उन्होंने ने ली को 21-13 12-21 21-19 से हराकर फाइनल अपनी जगह बनाई। ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में पहुंचने वाले वह तीसरे पुरुष एकल खिलाड़ी बने। इसके पहले प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) और पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) फाइनल में पहुंच चुके हैं।
पादुकोण और गोपीचंद इवेंट जीत चुके हैं...
पादुकोण और गोपीचंद प्रतिष्ठित इवेंट जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं, जबकि साइना नेहवाल (Saina Nehwal) 2015 में फाइनल में पहुंची थीं। 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद यहां विजेता बने थे। 2001 में खिताब जीतने वाले दिग्गज पुलेला गोपीचंद के बाद लक्ष्य सेन इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर हैं।
जबर्दस्त फार्म में हैं सेन
सेन पिछले छह महीनों में बेहतरीन फॉर्म में हैं क्योंकि उन्होंने जनवरी में इंडिया ओपन में अपना पहला सुपर 500 खिताब हासिल किया था। अभी फिर पिछले हफ्ते जर्मन ओपन में उपविजेता बने हैं।
बैडमिंटन के पितामह कहे जाने वाले प्लेयर के परिवार से
बैडमिंटन सनसनी लक्ष्य सेन मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वालो हैं। लक्ष्य का परिवार तीन पीढ़ियों से बैडमिंटन के प्रति समर्पित रहा है। दादा सी.एल. सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है। लक्ष्य के पिता डी.के. सेन नेशनल लेवल के बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके हैं। अभी वह नेशनल लेवल के कोच भी हैं। डीके सेन प्रकाश पादुकोण अकादमी में खिलाड़ियों को तराश रहे हैं। उनके भाई चिराग सेन ने भी इंटरनेशनल स्तर पर बैडमिंटन खेला है। लक्ष्य की मां एक टीचर हैं। लक्ष्य ने कोच पिता की देखरेख में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। वो 4 साल की उम्र से स्टेडियम जाने लगे थे।
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