Olympics 2020: निकहत जरीन की मांग पर रीजीजू का बयान, कहा देश हित में फैसला होगा

मैरीकोम ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह बीएफआई के फैसले के अनुसार चलेगी। बीएफआई ने पहले कहा था कि विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक विजेता मुक्केबाजों का ही ओलंपिक क्वालीफायर के लिए सीधे चयन होगा। जरीन को विश्व चैंपियनशिप से पहले भी ट्रायल मुकाबले का मौका नहीं दिया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2019 11:50 AM IST / Updated: Oct 18 2019, 05:22 PM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्री किरन रीजीजू ने मुक्केबाज निकहत जरीन की एम सी मैरीकोम के खिलाफ ट्रायल मुकाबला कराने की मांग से उठे विवाद में स्पष्ट किया कि वह केवल महासंघ को देश और खिलाड़ियों के हित में सर्वश्रेष्ठ फैसला करने के लिए ही कह सकते हैं। जरीन ने रीजीजू को पत्र लिखकर चीन में अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम के चयन से पहले मैरीकोम के खिलाफ ट्रायल मुकाबला आयोजित करने की मांग की थी। इससे पहले भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कहा था कि मैरीकोम के हाल में रूस में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए वह छह बार की विश्व चैंपियन को चुनने का इरादा रखता है। इसके बाद ही जरीन ने यह पत्र लिखा।

जरीन को नहीं मिला है विश्व चैंपियनशिप में मुकाबले का मौका

रीजीजू ने जरीन के पत्र के जवाब में कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर मुक्केबाजी महासंघ को देश, खेल और खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला करने के लिए कहूंगा। मंत्री को हालांकि खेल संघों द्वारा खिलाड़ियों के चयन में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि खेल संघ ओलंपिक चार्टर के अनुसार स्वायत्त हैं। ’’ मैरीकोम ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह बीएफआई के फैसले के अनुसार चलेगी। बीएफआई ने पहले कहा था कि विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक विजेता मुक्केबाजों का ही ओलंपिक क्वालीफायर के लिए सीधे चयन होगा। जरीन को विश्व चैंपियनशिप से पहले भी ट्रायल मुकाबले का मौका नहीं दिया गया था। महासंघ ने तब इंडिया ओपन और प्रेसीडेंट कप में स्वर्ण पदक जीतने के कारण मेरीकोम का चयन करने का फैसला किया था।


जरीन ने कहा, ‘‘आपकी तुरंत कार्रवाई के लिए बहुत बहुत आभार सर। मुझे उम्मीद है कि उन खिलाड़ियों के साथ पक्षपात और भाई भतीजावाद नहीं होगा जो अपने देश का मान बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ’’ बीएफआई ने पिछले साल अंक आधारित चयन प्रणाली शुरू की थी जिसके तहत मुक्केबाजों को विभिन्न ग्रेड के टूर्नामेंट और राष्ट्रीय शिविर में प्रदर्शन के आधार पर चुना जाता है। पूर्व में ट्रायल मुकाबले आयोजित करने का चलन था। अब यह केवल उन्हीं भार वर्गों में होता है जिनमें कोच और चयनकर्ताओं को लगता है कि प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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