दूसरी बार ओलंपिक में जगह बनाने के बाद बोली मैरीकॉम, बातों को कोई याद नहीं रखता, सिर्फ प्रदर्शन मायने रखता है

भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मेरीकोम ने दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने आलोचकों और प्रतिस्पर्धियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खेलों में राजनीति को लेकर आते हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि आपका प्रदर्शन विरासत तैयार करता है, बड़े बयान नहीं। 

नई दिल्ली. भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मेरीकोम ने दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने आलोचकों और प्रतिस्पर्धियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खेलों में राजनीति को लेकर आते हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि आपका प्रदर्शन विरासत तैयार करता है, बड़े बयान नहीं। जोर्डन के अम्मान में चल रहे एशिया-ओसियाना क्वालीफायर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली मेरीकोम (51 किग्रा) ने कहा कि उनका दो दशक से अधिक का अनुभव तोक्यो में युवा विरोधियों के खिलाफ उनका सबसे बड़ा हथियार होगा।

क्वालीफायर में कांस्य पदक हासिल करने वाली मेरीकोम ने अम्मान से पीटीआई से कहा, ‘‘यह मेरे लिए काफी मायने रखता है। मुझे ऐसा लगता है जैसे मैंने खुद को साबित कर दिया है। यह काफी मायने रखता है और मैं राहत महसूस कर रही हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि इससे उन लोगों की मानसिकता बदलेगी जो मेरे खिलाफ हैं, जो लोग चीजों में हेरफेर का प्रयास करते हैं और खेल में राजनीति को लेकर आते हैं।’’

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रिंग के बाहर सिर्फ सुर्खियां ही बनती हैं
छह बार की विश्व और पांच बार की एशियाई चैंपियन मेरीकोम ने कहा, ‘‘रिंग के बाहर बात करने से आप सिर्फ सुर्खियां बना सकते हो। इन सुर्खियों को भुला दिया जाएगा और इसके बाद सिर्फ प्रदर्शन मायने रखता है। अगर आप सिर्फ बातें करोगे और नतीजे नहीं दोगे तो दीर्घकाल में इससे आपको नुकसान होगा। इसलिए अपने मुक्कों को जवाब देने दीजिए और ऐसी विरासत तैयार कीजिए जो भुलाई ना जा सके।’’

2012 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद 
मेरीकोम क्वालीफायर से पहले चयन विवाद के संदर्भ में बोल रही थीं जब पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन निकहत जरीन ने खेल मंत्री किरेन रीजीजू के हस्तक्षेप और मणिपुर की इस मुक्केबाज के खिलाफ ट्रायल की मांग की थी। ट्रायल में मेरीकोम ने जीत दर्ज की थी। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मेरीकोम का मानना है कि दो दशक से अधिक के अनुभव से उन्हें पोडियम पर जगह बनाने में मदद मिलेगी और वह 2012 की तुलना में बेहतर पदक जीत पाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘अनुभव के कारण मैं मुकाबले की तेजी को नियंत्रित कर पाती हूं। मैं काफी आक्रामक और तेज लड़कियों का सामना करती हूं लेकिन उनके पास अनुभव नहीं होता और मैं सुनिश्चित करती हूं कि यह मेरा सबसे बड़ा हथियार बने।’’

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

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