MODI भी हुए कायल इस 'एक हाथ वाले' खिलाड़ी का टैलेंट देखकर; पैरालंपिक में जीत चुके हैं 2 गोल्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से बातचीत में जेवलिन थ्रोअर पैरा-एथलीट देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia) ने बताया कि किस तरह 1 हाथ खोने के बाद लोगों के ताने उन्हें मिले, लेकिन खिलाड़ी ने अपना मनोबल कम नहीं होने दिया और आज पैरालंपिक में अपनी जगह बनाई। 

स्पोर्ट्स डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 24 अगस्त से शुरू होने वाले आगामी टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2020) के लिए भारतीय दल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। पैरा-एथलीटों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ ही उन्होंने उन्हें शुभकामनाएं दीं। बातचीत के दौरान, जेवलिन थ्रोअर पैरा-एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने पीएम मोदी से अपने यहां तर पहुंचने के सफर के बारे में बताया कि, किस तरह 1 हाथ खोने के बाद लोगों के ताने उन्हें मिले, लेकिन खिलाड़ी ने अपना मनोबल कम नहीं होने दिया और आज तीसरी बार पैरालंपिक में अपनी जगह बनाई। 

पीएम से चर्चा के देवेंद्र झाझरिया ने कहा कि, "सर, आपने हमेशा पैरा-एथलीटों को प्रोत्साहित किया है, और अब हम टोक्यो पैरालिंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। जब मैं 9 साल का था, मैंने अपना हाथ खो दिया और जब मैं वापस आया, तो मेरे लिए घर से बाहर जाना एक चुनौती था। मैंने स्कूल में भाला फेंकना शुरू किया, तो मझे ताने मारे गए। वहां मैंने फैसला किया कि मैं कमजोर नहीं होऊंगा।' उन्होंने कहा कि, 'जीवन में मैंने सीखा है कि जब हमारे सामने कोई चुनौती होती है, तो आप सफलता प्राप्त करने के करीब होते हैं। मुझसे कहा गया था कि मुझे पढ़ाई करनी चाहिए और खेल में मेरे लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। मैं जेवलिन थ्रो के लिए समर्पित औरअनुशासित हूं। मैं जिस कमरे में मैं सोता हूं उसमें एक भाला रखा है और मेरी पत्नी ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।

बता दें कि 9 साल की उम्र में जब देवेंद्र पड़ोसी बच्चों के साथ लुका-छिपी खेल रहे थे, तो छुपने के चक्कर में एक पेड़ पर चढ़ गए, जहां उन्होंने गलती से 11, 000 वोल्ट के करंट वाले एक तार को छू लिया। इसके बाद बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े थे। डॉक्टरों ने उनकी जान तो बचा ली, लेकिन उनका बायां हाथ तुरंत काटना पड़ा। 

जेवलिन थ्रोअर पैरा-एथलीट देवेंद्र झाझरिया का ये तीसरा पैरालंपिक है। इससे पहले वह 2004 और रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। कुछ ऐसी ही उम्मीद इसबार उनसे की जा रही है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने इस साल अपनी अब तक की सबसे बड़ी टुकड़ी भेजी है। जिसमें 54 पैरालंपिक एथलीट 9 खेलों में भाग लेंगे। टोक्यो पैरालंपिक खेलों का आयोजन 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच होना है। हालांकि भारत 27 अगस्त से अपने अभियान की शुरुआत करेगा। 

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