भारतीय ओलंपिक संघ की 1st महिला प्रेसीडेंट बनने के बाद पीटी उषा ने कहा- 'कभी नहीं सोचा था कि यह पद मिलेगा'

भारत की महान एथलीट पीटी उषा को भारतीय ओलंपित संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं जो भारतीय ओलंपिक संघ की प्रेसीडेंट बनी हैं। इससे पहले सिर्फ महाराजा यादविंदर सिंह ही ऐसे खिलाड़ी थे जो ओलंपित संघ के अध्यक्ष बने थे।
 

IOA President PT Usha. भारत की महान एथलीट पीटी उषा को भारतीय ओलंपित संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं जो भारतीय ओलंपिक संघ की प्रेसीडेंट बनी हैं। इससे पहले सिर्फ महाराजा यादविंदर सिंह ही ऐसे खिलाड़ी थे जो ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बने थे। देश की महान धावक पीटी उषा को 10 दिसंबर को प्रेसीडेंट पद पर चुना गया। 

मैंने कभी नहीं सोचा था की ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनूंगी- पीटी उषा
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनने के बाद उड़नपरी पीटी उषा ने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि वे ओलंपिक संघ की प्रेसीडेंट बनेंगी। 58 वर्षीय पीटी उषा ने कहा कि- अब तक की जिंदगी में मैंने सिर्फ 13 साल ही बिना स्पोर्ट के बिताए हैं। मैं एक एथलीट, कोच और प्रशासक के तौर पर हमेशा सक्रिय रही हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ओलंपिक संघ की प्रेसीडेंट बनूंगी या फिर राज्यसभा सभा सांसद बनूंगी लेकिन यह सब सिर्फ स्पोर्ट्स की वजह से संभव हुआ है। पीटी उषा ने नौ साल की छोटी उम्र में एथलेटिक्स में कदम रखा और तब वह केरल के कोझिकोड जिले में अपने पैतृक गांव के पास पय्योली के एक स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ रही थी। इसके बाद उनका करियर शानदार रहा। जिसके दौरान उन्होंने कई एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते और 1984 के ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने 1990 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की और शादी की। उसके बचपन के शुरुआती नौ साल और 1990 से 1994 के बीच के चार साल वे 13 साल थे जिनका वह जिक्र कर रही थी। 2000 के बाद वह अपनी अकादमी -उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में होनहार एथलीटों के संरक्षक के रूप में एथलेटिक्स से जुड़ी रहीं। वह वर्तमान में इसकी जूनियर चयन समिति की अध्यक्ष हैं। उन्होंने सरकार की राष्ट्रीय पुरस्कार समितियों में भी काम किया है। उषा ने कहा कि राष्ट्रीय महासंघों, एथलीट आयोग और एसओएम (उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ियों) ने मुझे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए प्रेरित किया। मैं उन सभी की शुक्रगुजार हूं। 

Latest Videos

पीटी उषा ने रचा इतिहास
भारतीय ओलंपित संघ में अभी तक सिर्फ राजनीति का दबदबा चलता था और खिलाड़ी संघ से अक्सर दूर ही रहते थे। लेकिन पीटी उषा के अध्यक्ष बनने के बाद यह परंपरा अपने आप टूट गई है। इससे पहले के घटनाक्रम में इंटरनेशनस ओलंपिक कमिटी ने चुनाव न कराने के दशा में भारतीय ओलंपित संघ को निलंबित करने की वार्निंग भी दी थी। लेकिन पीटी उषा को जुलाई में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया और प्रेसीडेंट पद के लिए उन्होंने सिंगल आवेदन करके सारे विवादों को खत्म कर दिया। 10 दिसंबर को उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। 

कौन हैं पीटी उषा
पीटी उषा देश की करोड़ा महिला एथलीट्स के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पीटी उषा ने एशियन गेम्स में 4 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल जीते हैं। उन्होंने 1982, 1986, 1990 और 1994 में एशियन गेम्स में मेडल जीते थे। वहीं एशियाई चैंपियनशिप में उनके नाम कुल 14 गोल्ड मेडल, 6 सिल्वर मेडल, 3 ब्रांज मेडल वे जीत चुकी हैं। 1984 के ओलंपिक गेम्स में 400 मीटर की बाधा दौड़ में पीटी उषा को चौथा स्थान मिला था। पीटी उषा ने सन 2000 में संन्यास लिया था और वे दो दशक तक एशियाई खेलों में राज करने वाली पहली महिला एथलीट रही हैं।

उड़न परी के नाम विख्यात
पीटी उषा को ज्यादातर लोग उड़न परी या फिर पय्योली एक्सप्रेस के नाम से जानते हैं। उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना पहले ही तय हो गया था क्योंकि प्रेसीडेंट पद के लिए नामांकन करने वाली वे इकलौती उम्मीदवार थीं। बीजेपी ने उन्हें इसी साल राज्यसभा के लिए भी नामित किया था। भारतीय ओलंपिक संघ के 95 साल के इतिहास को देखें तो वे पहली ओलंपियन हैं जिन्होंने इस पर चयनित होकर खेल को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है। 

यह भी पढ़ें

सबसे तेज डबल सेंचुरीः क्रिस गेल-वीरेंद्र सहवाग सहित 9 लोगों को पीछे छोड़ ईशान किशन ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
 


 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद BJP कार्यालय पहुंचे PM Modi । Maharashtra Election Result
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के साथ महा विकास अघाड़ी को लगा है एक और जबरदस्त झटका
Sambhal Jama Masjid: संभल में क्या है जामा मस्जिद सर्वे से जुड़ा विवाद? 10 प्वाइंट में समझें सबकुछ