साल 1998 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर डिंको सिंह ने सभी को प्रभावित किया था। मैरीकॉम सहित कई मुक्केबाजों ने उनके खेल से प्रेरणा ली और बॉक्सर बनने का फैसला किया। लेकिन समय के साथ इस महान मुक्केबाज के दिन पलट चुके हैं। डिंकों लॉकडाउन के बीच जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
नई दिल्ली. साल 1998 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर डिंको सिंह ने सभी को प्रभावित किया था। मैरीकॉम सहित कई मुक्केबाजों ने उनके खेल से प्रेरणा ली और बॉक्सर बनने का फैसला किया। लेकिन समय के साथ इस महान मुक्केबाज के दिन पलट चुके हैं। डिंकों लॉकडाउन के बीच जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। लंबे समय से उनका लिवर कैंसर का इलाज दिल्ली में चल रहा है, पर लॉकडाउन के कारण वो दिल्ली नहीं आ पा रहे हैं। इस समय वो अपने घर इंफाल में हैं , जहां उनकी तबियत और खराब हो रही है, पर लॉकडाउन के कारण डिंको इलाज कराने की लिए कहीं और नहीं जा पा रहे हैं।
डिंको को अपने इलाज के लिए 15 दिन पहले दिल्ली आना था, पर लॉकडाउन के चलते वो दिल्ली नहीं आ सके। इसके बाद 25 अप्रैल को उन्हें दिल्ली लाने की व्यवस्था की जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उनकी पत्नी ने बताया कि 24 मार्च से 19 अप्रैल के बीच में उन्होंने 3 बार फ्लाइट का टिकट कराया पर हर बार टिकट कैंसिल हो गया। इसके बादज उन्होंने SAI से मदद मांगी है। उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर साई उनकी मदद करेगा। इससे पहले भी डिंको की बीमारी से लड़ने में साई उनकी मदद कर चुका है।
1997 में किया था कमाल
डिंको सिंह ने साल 1997 में किंग कप जीतकर सनसनी मचा दी थी। इसके बाद उन्होंने 54 किलो भार वर्ग में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल भी जीता था। उनके इस प्रदर्शन के बाद मैरीकॉम सहित कई खिलाड़ियों ने बॉक्सर बनने का फैसला किया था।
अब कीमोथेरिपी की संभावना नहीं
डिंको सिंह की पत्नी बबाई देवी ने बताया कि तीन साल पहले उनके पति की कीमोथेरिपी हुई थी। इसके बाद से उनका सामान्य इलाज चल रहा है। दिल्ली के डॉक्टरों ने भी उन्हें स्थानीय स्तर पर इलाज कराने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि अब डिंको काफी कमजोर हो चुके हैं और कीमोथेरिपी जोखिम से भरा है इसलिए इससे बचना ही ठीक होगा। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ उन्हें 25 अप्रैल को दिल्ली लाएगा। इसके लिए एयर एंबुलेंस का इंतजाम किया जा रहा है। इससे पहले खेल मंत्री किरण रिजीजू मणिपुर सरकार ने इस दिग्गज खिलाड़ी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की बात कह चुके हैं।