टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने ट्रेनिंग के दौरान उन्हें ले जाने वाले 150 ड्राइवरों का आभार व्यक्त किया और उन्हें एक शर्ट, एक मणिपुरी दुपट्टा और लंच दिया।
स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) इस समय अपने होम टाउन इंफाल में समय बिता रही हैं। इस बीच गुरुवार को वो उन ट्रक ड्राइवर्स से मिली और उनका शुक्रिया अदा किया, जो उन्हें ट्रेनिंग के दौरान 25 किलोमीटर दूर ले जाते थे। दरअसल, मीराबाई चानू के लिए वेटलिफ्टिंग करना इतना आसान नहीं था। उनका गांव, नोंगपोक काकचिंग, मणिपुर की राजधानी इंफाल में खेल अकादमी से 25 किमी से ज्यादा दूर था। पैसों की कमी के कारण वह हर दिन ट्रकों से जाती थी। उनके गांव के पास के ट्रक वालों ने कई सालों तक हर दिन उन्हें लिफ्ट दी। गुरुवार को, उन्होंने अपना आभार व्यक्त किया और लगभग 150 ट्रक ड्राइवरों और हेल्पर्स को एक शर्ट, मणिपुरी दुपट्टा और लंच दिया।
ड्राइवरों से मिलने पर मीराबाई बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि वेटलिफ्टर बनने का उसका सपना पूरा नहीं होता अगर ट्रक वालों ने उसे इंफाल तक ले जाने में मदद नहीं करते। मीराबाई चानू ने उन कठिनाइयों के बारे में बात की है जिनका उन्हें सामना करना पड़ा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि, "मैंने यहां पहुंचने के लिए कई त्याग किए हैं। बड़ी खिलाड़ी बनने या कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आपको बलिदान देना पड़ता है और मैंने वही किया है।"
बता दें कि मीराबाईचानू ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में महिला 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर भारत के लिए पदक तालिका की शुरुआत की थी। वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में चानू ने भारत को 21 साल के बाद मेडल दिलाया। चानू से पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में वेटलिफ्टिंग में कांस्य मेडल जीता था।
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