जज्बे को सलाम..102 साल की दादी ने कोरोना को हराने के लिए छत पर आकर झुर्रियों वाले हाथों से बजाई थाली

102 वर्षीय राणीबेन का देश के प्रति जज्बा देखने लायक था। जिस उम्र में कोई ठीक से चल नहीं पता उस आयु में उन्होंने अपने छत पर आकर मोदी  की अपील पर थाली बजाई।

Arvind Raghuwanshi | Published : Mar 23, 2020 1:05 PM IST / Updated: Mar 23 2020, 06:43 PM IST

सूरत. कोरोना का कहर लगातार पूरे भारत में बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से रविवार के दिन जनता कर्फ्यू की मांग की थी। जिसको लोगों ने दिनभर घर में रहकर और शाम 5 बजे थाली बजाकर पूरा भी किया। लेकिन इस सब के बीच 102 साल की राणीबेन का जज्बा देखने लायक था।

102 वर्षीय राणीबेन का जज्बा देखने लायक था
रविवार के दिन शाम 5 बजते ही देश के करोड़ों लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलकर थाली-शंख बजाकर कोरोना के कर्मवीर डॉक्टर्स-नर्स, पुलिस और मीडियाकर्मियों का आभार व्यक्त किया था। इसी बीच गुजरात की 102 वर्षीय राणीबेन का देश के प्रति जज्बा देखने लायक था। जिस उम्र में कोई ठीक से चल नहीं पता उस आयु में उन्होंने अपने छत पर आकर मोदी  की अपील पर थाली बजाई।

दादी का महासंकल्प होगा पूरा
बता दें कि 102 वर्षीय राणीबेन कच्छ के धाणेटी गांव की रहने वाली हैं। उनके पूरे शरीर से झुर्रियां निकल रही हैं। फिर भी उनका उत्साह किसी नौजवान से कम नहीं था। देखने वाले यही कह रहे थे कि कोरोना दादी की इन्हीं झुर्रियों से निकलकर देश से बाहर जाएगा। उनका महासंकल्प पूरा होगा।
 

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