दिल्ली में ऑमिक्रॉन का पहला मरीज डिस्चार्ज, घर के बाहर खड़े सुरक्षागार्ड, दुबई से आया था व्यापारी, बताई कहानी

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले व्यवसायी साहिल ठाकुर ने मंगलवार को ओमिक्रॉन से ठीक होने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह इस समय घर में क्वारैंटाइन हैं और घर से कोई भी बाहर ना निकले, इसकी निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साहिल ने बताया कि मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।

नई दिल्ली। दिल्ली में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाला पहला मरीज ठीक (Delhi 1st Omicron Patient Recovered) हो गया है। यहां  27 साल के व्यापारी साहिल ठाकुर (Sahil Thakur) को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वे 4 दिसंबर को दुबई (Dubai) से लौटे थे और 2 दिन बाद जांच में कोरोना पॉजिटिव (Corona Possitive) पाए गए थे। बाद में जीनेम सीक्वेसिंग में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए। उसके बाद साहिल को होम आइसोलेशन में रखा गया है। बाद में अस्पताल भेज दिया गया। मंगलवार को घर लौटे तो प्रशासन ने उनके घर के बाहर 4 सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं, ताकि बाहर किसी तरह का मूवमेंट ना हो सके। बता दें कि भारत में पहले ओमिक्रॉन केस सामने आने के तीन दिन बाद 5 दिसंबर को दिल्ली में ये केस मिला था। यहां SARS-CoV-2 के नए वैरिएंट का पता चला था। साहिल किसी व्यावसायिक कार्य से दुबई गए थे और 4 दिसंबर को वापस दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी।

दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले व्यवसायी साहिल ठाकुर ने मंगलवार को ओमिक्रॉन से ठीक होने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह इस समय घर में क्वारैंटाइन हैं और घर से कोई भी बाहर ना निकले, इसकी निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साहिल ने बताया कि मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। मैं अब घर पर 14 दिन तक होम क्वारैंटाइन रहूंगा और डॉक्टर मेरा चेकअप करेंगे। ठाकुर ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में भी वे संक्रमित हुए थे। तब स्वाद और गंध का अंदाजा नहीं हो रहा था। बाद में टेस्ट कराया तो कोरोना पॉजिटिव आए थे। हालांकि, तब बुखार या खांसी नहीं थी।

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मुंबई जाने के लिए कराया टेस्ट तो कोरोना पॉजिटव आए
साहिल ठाकुर ने कहा कि 4 दिसंबर को दुबई से दिल्ली एयरपोर्ट पर आया। यहां हमें ई-सुविधा फॉर्म भरने के लिए कहा गया था और यात्रियों का रेंडमली टेस्ट किया जा रहा था। हालांकि, तब मेरा कोरोना टेस्ट नहीं किया गया था, इसलिए मैं बाहर चला गया। साथ ही मुझे कोई लक्षण नहीं थे। सिर्फ खांसी थी, गले में खराश या टेम्प्रेचर चेंज होने की वजह से। इसलिए मैं घर आ गया और एहतियात के तौर पर एक कमरे में आइसोलेट हो गया। इसके बाद मुझे 7 दिसंबर को मुंबई के लिए उड़ान भरनी थी, इसलिए मैंने पहले खुद को कोरोनो टेस्ट करवाया। मेरी 6 दिसंबर को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। ऐसे में मुंबई जाना कैंसिल हो गया। दो दिन बाद मुझे सूचना दी गई कि मैं ओमिक्रॉन वैरिएंट पॉजिटिव आया हूं। 

घर में सभी लोग हैं निगेटिव, अब बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात
साहिल का कहना था कि मैं रोहिणी स्थित अपने घर पर माता-पिता और एक घरेलू सहायिका के साथ रहता हूं। उन्होंने दावा किया कि मेरे आग्रह पर प्रशासन ने मुझे 11 दिसंबर तक होम आइसोलेशन में रहने दिया। बाहर सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहे। उसके बाद घर पर एक एंबुलेंस आई और उन्हें एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई। वहां पहली बार 12 दिसंबर को और फिर 15 दिसंबर को कोरोना टेस्ट किया गया। दोनों बार रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके बाद 16 दिसंबर को घर लौट आए। अस्पताल में मेरे ब्लड सैंपल भी लिए गए। तीन-चार दिन बाद मंगलवार को घर के बाहर फिर 3-4 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई। ये लोग दिन-रात उनके घर के बाहर निगरानी कर रहे हैं, ताकि कोई घर से बाहर ना निकले। यहां पुलिसवाले काफी सहयोग कर रहे हैं। हमें जरूरी चीजें घर के अंदर तक पहुंचा देते हैं। अब मैं घर पर हूं और बस आराम करने की कोशिश कर रहा हूं।

जिनके संपर्क में आया, वे भी निगेटिव आए
ठाकुर ने कहा कि हालांकि, मुझे कोई लक्षण नहीं थे। ना ही बीमार होने का एहसास हुआ। मुझे लगता है कि मैं वास्तव में भाग्यशाली हो गया। मेरे माता-पिता का भी कोरोना टेस्ट किया गया और वे भी निगेटिव आए हैं। इसके साथ ही जिनके संपर्क में आया था, उन लोगों ने भी खुद कोरोना टेस्ट करवाया। सभी लोग निगेटिव आए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा इतना खतरनाक था, लेकिन ओमिक्रॉन इसका दसवां हिस्सा भी नहीं है। मेरे कारण परिवार में किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। मुझे नहीं पता कि लोग क्यों कहते हैं कि यह तेजी से फैलता है। घबराने की कोई बात नहीं है। यह जानलेवा नहीं है। मैं 110% जानता हूं।"

किसी भी मरीज में नहीं थे लक्षण
साहिल कहते हैं कि मुझे गले में खराश नहीं थी, एक भी दिन बुखार नहीं आया। यह भी नहीं बता सकता हूं कि कोरोना जैसे लक्षण दिखे हों। लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भी 40 मरीज थे और उनमें से 30-35 में कोई लक्षण नहीं थे। सभी सोच रहे थे कि हम अस्पताल में क्या कर रहे हैं... हमें यहां क्यों रखा गया है। लक्षण नहीं थे, इसलिए किसी को दवा भी नहीं दी जा रही थी। फिलहाल,अभी हम सभी को बहुत सावधान रहना होगा। सभी को मास्क पहनना चाहिए। कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहिए। साहिल बताते हैं कि वे जून में ही फुल वैक्सीनेटेड हो गए थे। 

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