राजधानी दिल्ली के बाहरी-उत्तरी जिला क्षेत्र स्थित एक घर में मंगलवार को एक ही परिवार के चार लोग संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले में मंगलवार को एक घर में चार लाशें मिली हैं। इनमें 2 बच्चे, एक महिला और एक पुरुष शामिल है। ये सभी एक ही परिवार के हैं। शुरुआती जांच में पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताई है। घटना सिरसपुर गांव की है। पुलिस ने बताया कि शवों को कब्जे में ले लिया है। पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। घटनास्थल से सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। घटना के पीछे की वजह पता की जा रही है। इस संबंध में कुछ पड़ोसियों से इस परिवार के बारे में जानकारी ले रहे हैं। मरने वालों में पति की उम्र 30 साल, पत्नी की उम्र 25 साल, दोनों बच्चे 6 और 3 साल के हैं।
पुलिस का कहना था कि मौके पर पहुंचे तो देखा कि 30 साल का अमित फंखे से लटका था। जबकि 25 साल की उसकी पत्नी नीति, 6 साल की बेटी वंशिका और 2 साल का बेटा कार्तिक का शव बेड पर पड़ा था। किसी के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं थे। पड़ोसियों के मुताबिक, ये परिवार पिछले काफी वक्त से यहां किराए के मकान में रहता था। पति अमित छोटा-मोटा काम करके परिवार का पेट पालता था। पिछले कुछ दिनों से पति और पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े भी होते थे। पुलिस की शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। पुलिस के आला अधिकारी कह रहे हैं कि इस मामले में जांच जारी है। अभी यह साफ नहीं हो हो पाया है कि पत्नी और दोनों बच्चों की मौत कैसे हुई है? क्या तीनों को जहर देकर अमित ने आत्महत्या की? पुलिस के आला अफसर मौके पर हैं और बयान ले रहे हैं।
दक्षिण दिल्ली: आग लगने से 40 झुग्गियां जलीं
इधर, दक्षिणी दिल्ली के नेब सराय इलाके में सोमवार शाम करीब 40 झुग्गियों में भीषण आग लग गई। फायर ब्रिगेड के मुताबिक, शाम 6 बजे आग लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद दमकल की 20 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। आग में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। नेब सराय गांव में एक खाली भूखंड पर करीब 40-45 झुग्गियां आग की चपेट में आ गईं। पूछताछ के दौरान पता चला कि भूखंड के मालिक रजनीश बलहारा और अजीत ने इसे वहां रहने वाले मजदूरों को किराए पर दिया था।