मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने पर ऑनलाइन एग्जाम कैसे जी का जंजाल बन जाते हैं, यह फोटो यही दिखाता है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क हमेशा एक समस्या रही है। निचले इलाकों में नेटवर्क नहीं मिलने पर बच्चों को ऊंची पहाड़ियों पर चढ़कर एग्जाम देना पड़ रहा है। दूसरी दिक्कत तब आ जाती है, जब मौसम खराब हो। ऐसे में उन्हें चट्टानों की ओट लेनी पड़ती है।
भरमौर, हिमाचल प्रदेश. ऑनलाइन क्लासेस उन इलाकों में एक बड़ी समस्या हैं, जहां नेटवर्क नहीं मिलता। खासकर, पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क नहीं मिलना आम बात है। ऐसी स्थिति में बच्चों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने पर ऑनलाइन एग्जाम कैसे जी का जंजाल बन जाते हैं, यह फोटो यही दिखाता है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क हमेशा एक समस्या रही है। निचले इलाकों में नेटवर्क नहीं मिलने पर बच्चों को ऊंची पहाड़ियों पर चढ़कर एग्जाम देना पड़ रहा है। दूसरी दिक्कत तब आ जाती है, जब मौसम खराब हो। ऐसे में उन्हें चट्टानों की ओट लेनी पड़ती है।
ऐसी है स्थिति...
यह तस्वीर भरमौर के खुंदेल और बलोठ पंचायतों की स्थिति दिखाती है। कोरोना महामारी के चलते बच्चों को सेकंड टर्म का ऑनलाइन एग्जाम देना पड़ रहा है। गांवों में नेटवर्क नहीं मिलने पर बच्चों को मीलों दूर पहाड़ी पर जाना पड़ रहा है। बलोठ पंचायत प्रधान रत्न चंद और बाकी गांववालों ने मोबाइल सिग्नल नहीं मिलने की समस्या से प्रशासन को कई बार अवगत कराया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसलिए ऑनलाइन एग्जाम आयोजित किए जा रहे हैं।
बच्चों के लिए उस समय और बड़ी समस्या हो जाती है, जब मौसम खराब हो। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ। ठंडी हवाएं और बारिश के चलते बच्चों को पहाड़ी पर चट्टानों की ओट लेनी पड़ी।
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