शनिवार दोपहर 12.7 बजे अरुण जेटली का निधन, BJP के लिए सदमे से भरा रहा अगस्त

भाजपा के लिए अगस्त का महीना बेहद सदमा-भरा रहा है। शनिवार को 12.7 मिनट पर पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया। उन्हें सॉफ्ट टिश्यू कैंसर था। इससे पहले 21 अगस्त को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर 6 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस दुनिया से कूच कर गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2019 7:54 AM IST / Updated: Aug 24 2019, 01:59 PM IST

नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दोपहर 12.7 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें सॉफ्ट टिश्यू कैंसर था।  वे 66 साल के थे। 9 अगस्त को एम्स में चेकअप कराने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। उन्हें कमजोरी और घबराहट की शिकायत के बाद भर्ती करवाया गया था। वे इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क चले गए थे और फरवरी में वापस लौटे थे। इसी के चलते पिछली सरकार में उन्होंने अंतरिम बजट भी पेश नहीं किया था।  इससे पहले 21 अगस्त को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर 6 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस दुनिया से कूच कर गए थे।

जेटली ने मंत्री बनने से इनकार कर दिया था
 मोदी सरकार-2 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था। मई 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद  जेटली को वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। वे 2014 में छह महीने रक्षा मंत्री रहे। बाद में मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री बनाए गए थे। उनके गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद जेटली को 2017 में छह महीने के लिए दोबारा रक्षा मंत्री बने थे। बाद में उनकी जगह निर्मला सीतारमण को दी गई थी।

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इससे पहले गौर हुए दुनिया से विदा..
21 अगस्त को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन हो गया था। 89 वर्षीय गौर लंबे समय बीमार थे। उनका भोपाल के नर्मदा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। 6 अगस्त को सुषमा स्वराज के निधन के ठीक एक दिन बाद गौर की तबीयत बिगड़ गई थी। घबराहट होने पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। गौर को फेफड़ों में इन्फेक्शन हुआ था। गौर 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के नौगीर गांव में दो जून 1930 को हुआ था। गौर 1946 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े थे। गौर 10 बार विधायक रहे। यह एक रिकॉर्ड था। गौर बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे।

6 अगस्त को दुनिया छोड़ गई थीं सुषमा
भाजपा को इस महीने पहला बड़ा सदमा 6 अगस्त को लगा था, जब पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया था। उन्हें कॉर्डियक अरेस्ट के बाद दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। 67 वर्षीय सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली बीजेपी की मुख्यमंत्री भी रही थीं। वे 7 बार सांसद (6 लोकसभा, 1 राज्यसभा) और तीन बार विधायक रही थीं।  सुषमा 25 साल की उम्र में राजनीति में आई थीं। उनके राजनीतिक गुरु लालकृष्ण आडवाणी रहे थे।

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