विधानसभा में गुजरात के गृहमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने विधेयक पेश करते हुए कहा, "मैं अपने जीवन का सबसे बड़ा काम करने जा रहा हूं। जिससे अब जिहादियों की अक्ल ठिकाने आ जाएगी।
अहमदाबाद (गुजरात). उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात में लव जिहाद पर कानून बनने वाला है। राज्य सरकार ने अपने बजट सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को कानून को पेश किया। विधेयक को लेकर विधानसभा में बहस भी हुई है। जिसमें सरकार के गृहमंत्री का तीखे तेवर वाला अंदाज देखने को मिला।
गृह मंत्री तीखे अंदाज में पेश किया बिल
विधानसभा में गुजरात के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने विधेयक पेश करते हुए कहा, "मैं अपने जीवन का सबसे बड़ा काम करने जा रहा हूं। हम अपनी बेटियों को दिल का टुकड़ा समझकर अपने पास रखते हैं। लेकिन कुछ जिहादी उनको अपनी बातों में उलझाकर अपने साथ ले जाते हैं। इतना ही नहीं यह जिहादी संगठन जबरन हिंदु बेटियों का धर्मान्तरण भी कराते हैं। अब समय आ गया है जिससे अब जिहादियों की अक्ल ठिकाने आ जाएगी। अगर उन्होंने फिर से ऐसा कुछ किया तो उनको जेल में डाला जाएगा।'' बता दें कि गुजरात सरकार ने गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट, 2003 में संशोधन किया है। जिसका मकसद राज्य में 'लव जिहाद' की घटनाओं पर रोक लगाना बताया गया है।
लव जिहाद कानून की अहम बातें
1. गुजरात सरकार के इस लिव जिहाद कानून में किसी व्यक्ति के जबरन धर्म परिवर्तन में दोषी पाए जाने पर कम से कम 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है। वहीं कोई महिला या लड़की, नाबालिग या एससी/एसटी है और उसका धर्म परिवर्तन कराया गया है तो दोषी पाए जाने पर आरोपी को 4 से 7 साल तक की सजा दी जाएगी।
2. गुजरात सरकार ने अपने इस लव जिहाद बिल में संशोधन कर कहा है कि किसी को बहला-फुसलाकर या फिर अच्छी लाइफ स्टाइल या पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन लिए उकसाया तो भी वह अपराधी होगा। आरोपी के खिलाफ सबूत सह पाए गए तो उसे दंड या जुर्माना दिया जाएगा।
3. इस विधेयक के मुताबिक, अगर अगर कोई व्यक्ति फिर से अपने या अपने पूर्वजों के धर्म में लौटता है तो उस पर यह एक्ट लागू नहीं होगा। बिल में यह प्रस्ताव शामिल किया गया है।
4. विधेयक में यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि अगर धर्म परिवर्तन हुए व्यक्ति के माता-पिता, भाई-बहन या रिश्तेदारों के जरिए यदि दोषी के खिलाफ मामला दर्ज करवाता है तो वह मान्य होगा। बिल में उसे यह अधिकार दिया गया है।
5. संशोधन वाले बिल के मुतबिक, अगर कोई सामाजिक संस्था या धर्मगरु या फिर कोई ऐसा व्यक्ति जो प्रेम और शादी के बहाने किसी का धर्म परिवर्तन कराने में मदद करता है तो वह भी समान रूप से दोषी होगा। जिसके खिलाफ इस विधेयक के अनुसार दंड दिया जाएगा।