मोरबी हादसे का अब तक का सबसे भयावह दृश्य: अस्पताल में लगा लाशों का ढेर, शवों को पीठ पर लादे दौड़ रहे लोग

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम 7 बजे ब्रिज टूटने से अब तक 190 लोगों की मौत हो चुकी है। आलम यह है कि अस्पताल पहली मंजिल से लेकर तीसरी मंजिल तक खचाखच भर चुका है। इसी बीच चारों तरफ परिजनों की चीखें सुनाई दे रही हैं।

Arvind Raghuwanshi | Published : Oct 31, 2022 8:14 AM IST / Updated: Oct 31 2022, 02:02 PM IST

अहमदाबाद (गुजरात). छुट्टी का दिन रविवार था और वक्त शाम 7 बजे का था। सभी परिवार के साथ हॉलीडे मनाने के लिए मोरबी के केबल ब्रिज पर पहुंचे हुए थे। पुल पर लगी चमचमाती लाइटें लोगों को आर्कषित कर रही थीं। इसी दौरान अचानक पुल पर 500 लोग जा पहुंचे। फिर क्या था पलभर में सस्पेंशन ब्रिज ताश के पत्तों की तरह टूट गया। करीब 400 लोग मच्छु नदी में जा गिरे। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। हादसे में 190 लोगों की मौत हुई है और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं कई की तलाश कल रात से अभी तक की जा रही है।

लोग कंधे पर शव रख भागते रहे
 यह घटना इतनी भयावह थी कि वहां पर मौजूद कई लोग अभी तक सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं। हादसे के इस मंजर ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। ब्रिज टूटने के तुरंद बाद के कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं वो बेहद दर्दनाक है। जिसमें कई लोग तैरकर बाहर आ गए तो वहीं कईयों के शव लोग कंधे पर रखकर अस्पताल की तरफ भाग रहे थे। वहीं कई मदद की गुहार लगाते दिखे। हालांकि स्थानीय निवासियों ने तुरंत नदी में छलांग लगा दी और उन्होंने डूबे लोगों को मौत के मुंह से बचाया। इतना ही नहीं उन्होंने घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया।

अस्पताल में लग रहा लाशों का ढेर
इसी बीच हादसे के एक दिन बाद का वीडियो सामने आया है। जो मोरबी के अस्पताल का है, जहां हर तरफ अफरा-तफरी का महौल है। लोग अपनो को देख बुरी तरह बिलख रहे हैं। आलम यह है कि हॉस्पिटल में लाशें ही लाशें दिख रही हैं। पहली मंजिल से तीसरी मंजिल तक शव बिस्तरों पर पड़े हैं। इतना ही नहीं एक के बाद एक घायलों को रिक्शा, निजी वाहन या एंबुलेंस के जरिए मोरबी सिविल अस्पताल लाया जा रहा है। अस्पताल में अभी भी कई शव ऐसे पड़े हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस और प्रशासन लोगों की पहचान करने में जुटा है।

लाशों को सीने से चिपकाए परिजन बिलख रहे
वहीं मृतकों और घायलों के परिजन अस्पताल में ब्रिज के पास से गायब हुए अपनों को तलाश कर रहे हैं। वहीं चारों तरफ रोने की आवाजें आ रही हैं। परिजनों का बुरा हाल है। माता-पिता अपने बच्चों के शवों को गले लगाकर रो रहे हैं।  काल बने इस ब्रिज ने कई परिवारों को उजाड़कर रख दिया है। यह हादसा इतना भयानक था कि किसी ने अपनी पूरी फैमिली को खो दिया है। किसी की मां तो किसी के पिता की मौत हो गई, तो वहीं किसी के मासूम बच्चे 15 घंटे होने के बाद भी नहीं मिले हैं। नदी किनारे कई महिलाएं अपने मासूमों के इंताजर में बिलख रही हैं।

 कई नर्स और डॉक्टर बोले-ऐसा मंजर पूरे करियर में नहीं देखा
मेडिकल स्टॉफ के लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे करियर में इतनी संख्या में कभी शव नहीं देखे। क्योंकि प्रशासन नदी से निकालकर सभी शव और घायलो को भी यहीं पहुंचा रहा है। वहीं अस्पताल में मृतकों और घायलों के परिजनों की भीड़ भी बढ़ गई है।

जानिए क्यों हुआ ये भयानक हादसा
पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है ब्रिज की कुल क्षमता डेढ़ सौ से दो सौ लोगों का भार सहन करने की थी। लेकिन दिवाली होने के कारण इस पर 500 से 600 लोग उस पर पहुंच गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि रविवार को छुट्टी का दिन होने से सस्पेंशन ब्रिज पर क्षमता से अधिक लोग जमा हो गए थे। लेकिन सवाल यह उठता है कि उन्हों रोका क्यों नहीं गया। इसी दौरान यह भी सामने आया है कुछ शरावती तत्व ब्रिज को हिला रहे थे। क्योंकि पूरा पुल एक झूले की तरह बना हुआ है, जो हिलता रहता है।  ब्रिज ओवरलोड होने को ही हादसे का कारण बताया जा रहा है। वहीं  इस मामले में पुलिस ने पुल का मेंटेनेंस करने वाली कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की है।पुलिस ने 9 लोगों गिरफ्तार कर लिया गया है।

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