मोरबी में हादसे वाले स्पॉट पर पहुंचे PM मोदी, रेस्क्यू टीम से की मुलाकात, 3 दिन से सेना चला रही ऑपरेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी में हादसे में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए पहुंचे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने मोरबी में चल रहे रेस्क्यू अभियान के बारे में जानकारी ली और दुर्घटना के समय बचाव और राहत कार्यों में शामिल रेस्क्यू टीम के जवानों और ऑफिसर से मुलाकात की।
 

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 1, 2022 11:20 AM IST / Updated: Nov 01 2022, 05:25 PM IST

अहमदाबाद, गुजरात के मोरबी में रविवार शाम 7 बजे केबल ब्रिज टूटने से कई परिवार उजड़ गए। अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हदासे ने गुजरात ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हादसे में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए पहुंचे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने मोरबी में चल रहे रेस्क्यू अभियान के बारे में जानकारी ली और दुर्घटना के समय बचाव और राहत कार्यों में शामिल रेस्क्यू टीम के जवानों और ऑफिसर से मुलाकात की।

मोरबी हादसे में देवदूत बने लोगों से मिले पीएम 
प्रधानमंत्री मोदी ने मोरबी हादसे के पीड़ितों से मिलने से पहले नेवी-आर्मी और एनडीआरएफ के उन अधिकारियों से मुलाकात की जिन्होंने लोगों को बचाने के लिए दिन रात एक कर दिया। किस तरह पुलिस-प्रशासन तीन से जिंदगी और मौत से जूझने वाले लोगों के लिए देवदूत बने। इन लोगों ने बिना कुछ खाए पीए कई घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इसलिए पीएम इन लोगों से पहले मुलाकात की। एक-एक जवान और स्थानीय समाजसेवी, व उन ग्रामीणों से मिले, जो कठिन समय में घायलों के लिए मददगार बने। रेस्क्यू में लगी इतना ही नहीं पीएम ने सभी टीमों से बातचीत कर उनका हौसला आफजाई किया। पीएम मोदी ने इन लोगों से हादसे व बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली है।

तीन दिन से NDRF की 125 लोगों की टीम लोगों को कर रही सर्च
बता दें कि पुलिस-प्रशासन और NDRF की टीम  मच्छू नदी में तीन दिन से लोगों को तलाश रही है। अकेली एनडीआरएफ के 125 लोगों की टीम  12 नावों के साथ गोताखोरों की मदद से लोगों को खोजने में जुटी हुई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि हमें आशंका है कि कुछ शव नदी के तल में हो सकते हैं। इसलिए हमने फिर से गोताखोरों को बुलाकर सर्च ऑपरेशन  शुरू कर दिया है।

जानिए कैसे हुआ ये भयानक हादसा
बता दें कि रविवार शाम करीब 7 बजे मोरबी पुल खोले जाने के पांचबे दिन नदी में गिर गया। बताया जाता है कि इस पुल पर उसकी वजन की क्षमता से ज्यादा लोग पहुंच गए थे। उसकी क्षमता करीब 100 लोगों की थी और उस पर करीब 500 लोग जा पहुंचे। फिर क्या था देखते ही देखते यह ब्रिज टूट गया और 400 लोग भी नदी में समा गए।  इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 134 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हुए हैं। अभी नदी में लोगों की तलाश की जा रही है। मृतकों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।

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