यह 34 वर्षीय युवती कुछ दिनों पहले फिनलैंड से लौटी थी। मालूम चला कि उसे कोरोना संक्रमण है। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अब वो ठीक होकर घर लौटी है। यह घटना बताती है कि कोरोना से डरे नहीं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके संक्रमण से बच सकते हैं।
अहमदाबाद, गुजरात. यह 34 वर्षीय युवती कुछ दिनों पहले फिनलैंड से लौटी थी। मालूम चला कि उसे कोरोना संक्रमण है। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अब वो ठीक होकर घर लौटी है। जब यह अपनी कॉलोनी में पहुंची, तो लोगों ने शंख-थाली बजाकर उसका स्वागत किया। यह देखकर वो भावुक हो उठी। इसे गुजरात की पहली कोरोना पॉजिटिव माना गया था। यह घटना बताती है कि कोरोना से डरे नहीं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके संक्रमण से बच सकते हैं।
कोरोना को हराने का बस एक मूल मंत्र-सोशल डिस्टेंसिंग
अहमदाबाद की रहने वाली इस युवती को रविवार देर रात एसवीपी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे 18 मार्च को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। करीब 10 दिनों तक उसका इलाज चला। इस दौरान रोज उसकी दो बार जांच होती थी। रविवार को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर सोमवार को उसे हॉस्पिटल से जाने का मौका मिला। दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाले कोरोना वायरस को हराना उतना मुश्किल नहीं है, लेकिन जरा-सी लापरवाही इसे फैलने का मौका दे रही है। यह युवती एक उदाहरण है कि कोरोना को हराया जा सकता है, बस इसका एक ही मूल मंत्र है-सोशल डिस्टेंसिंग।
युवती ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। दिन में कई बार हाथ धोयें। बाहर जाने से बचें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो कोरोना आपको संक्रमित नहीं कर सकता। दूसरा, फिर भी किसी के संपर्क में आने से संक्रमण होता है, तो छुपाए नहीं। ऐसा करना आपके और दूसरे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। तुरंत हॉस्पिटल जाएं और अपना इलाज कराएं।