नगर निगम (GMC)चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ कर दिया है। 44 सीटों में से 41 पर कमल खिला है जबकि कांग्रेस के खाते में दो और आप को एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है।
गांधीनगर : नगर निगम (GMC)चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ कर दिया है। 44 सीटों में से 41 पर कमल खिला है जबकि कांग्रेस के खाते में दो और आप को एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है। बतौर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में यह पहला चुनाव था, जिसमें वो पूरी तरह पास हुए हैं।
त्रिकोणीय था मुकाबला
GMC के 11 वार्डों की 44 सीटों के लिए कुल 162 उम्मीदवार मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी के आने के साथ ही इस बार चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने जहां सभी 44 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, वहीं आप के 40 सीटों पर उम्मीदवार थे। अन्य उम्मीदवारों में बसपा के 14, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो, अन्य दलों के 6 और 11 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
कहां कितने प्रतिशत मतदान
गांधीनगर में इस चुनाव के लिए कुल 2.82 लाख मतदाताओं को वोट डालने थे। जिसमें 1.45 लाख पुरुष और 1.36 लाख महिलाएं थीं। राज्य चुनाव आयोग ने कुल 284 मतदान केंद्र बनाए थे, जिनमें से 129 को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया था। कुल 2.8 लाख वोटर्स में से 56.24 प्रतिशत ने वोट डाले गए। ओखा और भानवड में 55.07 और 62.27 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि थारा में 73.55 फीसदी वोट डाले गए। गांधीनगर में, AAP ने भी मजबूत कोशिश की थी।
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कोरोना के कारण टले थे चुनाव
ये चुनाव इस साल अप्रैल में होने थे, लेकिन कोरोना के कारण टाल दिए गए थे। हाल में राज्य में अचानक मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट बदले जाने के बाद यह पहला स्थानीय निकाय चुनाव था, जो भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट की तरह था।़ पार्टी ने इस साल फरवरी में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भी जीत हासिल की थी। राज्य विधान सभा के चुनाव अगले साल होने हैं।
विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस निकाय चुनाव को महत्वपूर्ण माना जा रहा था। सूरत निकाय चुनाव में जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने यहां पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन यहां उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के लिए भी ये चुनाव एक बड़े झटके से कम नहीं है। वहीं बीजेपी का मनोबल अब काफी बढ़ा हुआ दिखाई देगा।
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