गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है। सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था। बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूट गया है।
देहरादून. उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है। शनिवार देर रात से प्रदेश के कई ईलाकों में भारी बारिश हो रही है। पहाड़ों की रानी मसूरी में भी कैंपटी-यमुनोत्री मार्ग भारी भूस्खलन के बाद बंद हो गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन जेसीबी के माध्यम से सड़क पर आए मलबे को हटाने में जुटा है। वहीं इसके कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।
कई जगहों पर फटे बादल
खबरों के मुताबिक, कहा जा रहा है कि उत्तराखंड के कई इलाकों में बादल फटे हैं। जिसमें से चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शनिवार देर रात बादल फटने से तलोर और फल्दिया सहित आधा दर्जन गांवों में पानी के साथ भारी मलबा आ गया जिसमें एक 29 वर्षीय महिला और उसकी 5 साल की बेटी लापता हो गए हैं। दोनों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं खेत पानी से लबालब हो गए हैं, जिससे भारी नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है। जिले के राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिये मौके पर पहुंचे। क्षेत्र के 10—12 प्रभावित परिवारों को पास के स्कूलों में रखा गया है।
अधिकारी ने बताया, 'बादल फटने से मूलगढ़—थारती मोटर मार्ग का 20 मीटर हिस्सा बह गया। बादल फटने से थारती—डारगर गांव में एक गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई तथा तीन पुल भी बह गये। इसके अलावा, वहां दो खच्चरों के बहने की भी सूचना मिली है।' उन्होंने बताया, 'राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी अब भी क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य चला रहे हैं।'
एक अन्य घटना में टिहरी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में बादल फटने से एक गदेरे (बरसाती नाले) में बाढ़ आ गई, जिससे खेत और कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ मवेशियों के भी इस दौरान बहने की खबर भी है।
मंदाकिनी नदी पर बना पुल टूटा
गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है। सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था। बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूट गया है। त्यूनी में भी टोंस नदी के उफान पर पर आने से कई घर मुसीबत में आ गए हैं। तहसील प्रशासन ने 35 परिवारों के घरों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।