जामिया प्रोटेस्ट का चेहरा बनी थी ये लड़की, कथित फेसबुक पोस्ट की वजह से लोगों के निशाने पर

नागरिकता कानून के विरोध को लेकर पुलिसबलों  और स्टूडेंट्स के बीच झड़प के दौरान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। लदीदा फरजाना और आयशा रेन्ना की खूब चर्चा हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2019 6:11 PM IST / Updated: Dec 18 2019, 12:03 AM IST

नई दिल्ली। जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून को लेकर रविवार के दिन हुए स्टूडेंट्स का प्रतिरोध चर्चा में है। आरोप है दिल्ली पुलिस जबरदस्ती यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस गई और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ग्रुप पर लाठी चार्ज किया। दिल्ली पुलिस का कहना है प्रदर्शन के नाम पर उत्पात मचाया जा रहा था। पत्थरबाजी की जा रही थी। 

नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध को लेकर पुलिसबलों और स्टूडेंट्स के बीच इसी झड़प के दौरान की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। तस्वीर में हिजाब में लड़कियों का समूह नजर आ रहा है। एक लड़की पुलिस की ओर उंगली का इशारा कर विरोध करती नजर आई थी। 

शीरोज कहकर प्रचारित की गईं लड़कियां 
जामिया मिलिया विवाद के दौरान सोशल मीडिया पर ये तस्वीर खूब शेयर की गई। छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाले तमाम लोगों ने वीडियो और फोटो के जरिए पर दिल्ली पुलिस की बर्बरता को लेकर निशाना साधा। तस्वीर में नजर आ रही लड़कियों, लदीदा फरजाना और आयशा रेन्ना (Ladeeda Farzana and Ayesha Renna) को आंदोलन के "पोस्टर गर्ल" के रूप में प्रचारित किया गया। लड़कियों को हीरोज की तर्ज पर "शीरोज" कहकर  बुलाया गया। अब लड़कियों की एक अलग ही कहानी सोशल मीडिया पर बहस में है। 

सोशल मीडिया में क्या कहा जा रहा है?
जामिया बवाल के बाद सोशल मीडिया पर लदीदा फरजाना की कथित फेसबुक प्रोफाइल और एक पोस्ट वायरल है। लदीदा सखलून (कथित तौर पर लदीदा फरजाना का फेसबुक प्रोफाइल नाम) के फेसबुक पेज पर पोस्ट में शेयर की गई सामाग्री पर लोग आपत्ति जता रहे हैं। चेखव के हवाले से इस लंबी पोस्ट में लिखा है, "कल विरोध के दौरान यह हुआ। कुछ लिबरल ने हमें इंशा अल्लाह और अल्ला—हु—अकबर कहने से रोका। हम सिर्फ एक शक्तिमान को मानते हैं। हम पहले ही आपके सेक्युलर स्लोगन को छोड़ चुके हैं।" लदीदा की इस कथित पोस्ट पर तमाम लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं। 

बताते चलें कि जामिया में विरोध प्रदर्शन के मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों को मिलाकर 67 लोग और 31 पुलिसकर्मी रविवार को दिन हुए झड़प में जख्मी हुए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 बसों को जला दिया गया। प्रदर्शन के दौरान 20 निजी वाहनों को भी उपद्रवियों ने नुकसान पहुंचाया। 

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